नईदिल्ली (एजेंसी)। ऑक्सीजन की किल्लत के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब जरूरत पड़ेगी तो सुप्रीम कोर्ट कदम उठाएगा। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार बहुत सावधानीपूर्वक स्थिति को संभाल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि राष्ट्रीय संकट के समय कोर्ट मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकता। कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि संकट से निपटने के लिए आपका नेशनल प्लान क्या है? क्या इससे निपटने के लिए वैक्सीनेशन ही मुख्य विकल्प है।
सुनवाई की शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि हमें लोगों की जिंदगियां बचाने की जरूरत है। जब भी हमें जरूरत महसूस होगी, हम दखल देंगे। कोर्ट ने कहा- राष्ट्रीय आपदा के समय हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते हैं। हम हाईकोट्र्स की मदद की जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं। इस मामले में उन अदालतों को भी अहम रोल निभाना है। इस पर केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार हाई लेवल पर इस मसले पर काम कर रही है और परेशानियां दूर करने के लिए प्रधानमंत्री खुद इसे देख रहे हैं। हम हालात को बहुत सावधानी से संभाव रहे हैं। कोरोना के दौरान ऑक्सीजन, वेंटिलेटर्स, बेड और वैक्सीन जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खुद ये मुद्दा उठाया था।



