नई दिल्ली | कोरोना वायरस के एक साल पूरे होने के बाद विभिन्न कंपनियों की वैक्सीन ट्रायल के परिणाम सामने आने लगे हैं। इसी कड़ी में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन एस्ट्राजेनेका, AZD1222, को कोरोना के खिलाफ 70 प्रतिशत प्रभावी बताया जा रहा है। यूके और ब्राजील में प्रकाशित वैकसीन के 2/3 क्लीनिकल ट्रायल के डाटा के आधार पर ऐसा कहा जा रहा है। वैक्सीन के प्रभाव की बात करें तो जो लोग इस वैक्सीन को लगवाएंगे वह 70 प्रतिशत इस बीमारी से सुरक्षित रहेंगे।
विशेषज्ञों ने इस वैक्सीन को दो डोज दिए थे, जिनमें से एक का प्रभाव 90 प्रतिशत था। एस्ट्राजेनेका ने एक बयान में कहा, “यूके और ब्राजील में AZD1222 के क्लीनिकल ट्रायल की आंतरिक एनालिसिस में पता चला है कि यह वैक्सीन कोविड-19 से लड़ने में प्रभावी है। जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई उन्हें कोविड-19 संबंधी परेशानियां नहीं हुईंं और कोविड-19 के बहुत गंभीर केस भी सामने नहीं आए।”
स्टेटमेंट के अनुसार, जब AZD1222 का एक डोज रेजिमेन (n=2,741) दिया गया तो वह 90 प्रतिशत प्रभावी था। उसके एक महीने बाद फुल डोज दिया गया और एक अन्य डोज (n=8,895) में 62 प्रतिशत प्रभावशीलता देखी गई। इसे एक महीने बाद इसे दो फुल डोजेज की तरह दिया गया था। दोनों डोजेज (n=11,636) के संयुक्त परिणाम के आधार पर इसे 70 प्रतिशत प्रभावी बताया जा रहा है।
एक स्वतंत्र डाटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड (डीएसएमबी) ने इस डेटा का एनालिसिस किया है। इसी के आधार पर कहा जा रहा है कि वैक्सीन कोविड-19 से बचाने में प्रभावी है।ऑक्सफोर्ड में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल के चीफ इन्वेस्टीगेटर एंड्रू पोलार्ड ने कहा, “यह एनालिलिस बताती है कि हमारे पास एक प्रभावी वैक्सीन है जो बहुत सी जिंदगियों को बचा सकती है। खुशी की बात ये है कि हमें पता चला है कि एक डोज 90 प्रतिशत तक प्रभावी है। यदि इस डोजिंग रिजीम का पालन किया जाता है तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्लैन्ड वैकसीन सप्लाई के माध्यम से टीके लगाए जा सकते हैं।”
हालांकि, इस वैक्सीन के कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिले हैं। दोनों ही डोजिंग रिजीम को प्रभावी ढंग से झेला गया है। यह परिणाम आंतरिक डेटा एनालिसिस के आधार पर बताए जा रहे हैं। कंपनी ने कहा है कि आगे आने वाले डेटा की वह अतिरिक्त एनालिसिस जारी रखेगी। ताकि और बेहतर परिणामों और प्रभावों को समझा जा सके।
एस्ट्राजेनेका अब यह डेटा दुनियाभर की उन अथॉरिटीज को भेजेगी जिनके पास वैक्सीन संबंधी अनुमोदन के अधिकार हैं। कंपनी के स्टेटमेंट के अनुसार, वह विश्व स्वास्थ संगठन से इमरजेंसी यूज लिस्टिंग की आज्ञा मांगेगी ताकि वह कम आय वाले देशों में वैक्सीन पहुंचा सके। इसके साथ ही आंतरिक परिणामों की पूरी एनालिसिस एक पिअर-रिव्यू जर्नल को सौंप दी गई है।