बहुत से लोग कई बातों या कामों को जल्दी भूल जाते हैं, जिसका कारण होता है उनकी याददाश्त का कमजोर होना. याददाश्त कमजोर होना आजकल कोई गंभीर समस्या नहीं है, क्योंकि इन दिनों व्यस्तता भरी जिंदगी में मस्तिष्क पर बहुत अधिक तनाव बढऩे की वजह से याददाश्त पर प्रभाव पड़ता है. इसलिए अपनी याददाश्त को बढ़ाने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खों को आजमा कर भी याददाश्त बढ़ा सकते हैं. आइए जानते हैं स्मरण शक्ति को बढ़ाने वाले घरेलू उपायों के बारे में. सेब में क्यूरसेटिन पाया जाता है, जो एक प्रकार का खास एंटीऑक्सीडेंट तत्व होता है. यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है. जब मस्तिष्क की कोशिकाओं को क्षति पहुंचती है, तो इससे कई तरह की गंभीर मानसिक समस्याएं हो सकती हैं. सेब के नियमित सेवन से मस्तिष्क की कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं, जिससे पार्किंसन, अल्जाइमर जैसी बीमारियां होने से बचा जा सकता है.
जिनसेंग से बढ़ेगी बौद्धिक क्षमता
जिनसेंग में जिंसेनोसाइड नामक एक खास तत्व होता है. यह स्मरण शक्ति बढ़ाने में काफी सहायक होता है. जिनसेंग के नियमित सेवन से मस्तिष्क की कोशिकाएं बेहतर होती हैं. इससे याददाश्त बढऩे में मदद मिलती है.
शंखपुष्पी याददाश्त बढ़ाने की बेहतर जड़ी-बूटी
शंखपुष्पी के सेवन से तनाव जैसी समस्याएं दूर होती है. इसमें भरपूर एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं, जिससे मस्तिष्क का स्वास्थ्य बेहतर होता है. शंखपुष्पी के सेवन से अनिद्रा और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं.
ब्राम्ही याददाश्त बढ़ाने की आयुर्वेदिक औषधि
ब्राम्ही भी याददाश्त और मानसिक क्षमता बढ़ाने कि एक बेहतर आयुर्वेदिक औषधि है. ब्राम्ही में सिटग्मास्टेरोल और बैकोसाइड जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं. अधिकतर लोग तनाव से राहत पाने के लिए बाह्मी तेल से मालिश करते हैं. ब्राह्मी तेल के उपयोग से बाल भी घने और मजबूत होते हैं.
फिश ऑयल से भी बढ़ेगी यददाश्त
फिश ऑयल से भी याददाश्त बढऩे में मदद मिलती है. मछली के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड, इकोसपेंटेनाइक एसिड और डोकोहैक्सेनोइक एसिड आदि सभी पाए जाते हैं, जो मानसिक तनाव और एंग्जाइटी को दूर करने में सहायक होते हैं. फिश ऑयल से बुजुर्गों की याददाश्त में भी सुधार हो सकता है.
प्राणायाम से भी मजबूत होता है मस्तिष्क
प्राणायाम करने से शरीर का तनाव दूर होता है. इससे शरीर में रक्त संचार ठीक तरह से होता है, जिससे मस्तिष्क की मांसपेशियों को भी मजबूती मिलती है. स्मरण शक्ति बेहतर होती है और भूलने की समस्या दूर होती है. प्राणायाम में कई तरह के ऐसे प्राणायाम हैं, जिनसे शरीर में हल्कापन भी महसूस होता है और शरीर की अन्य समस्याएं भी ठीक होती हैं.
भरपूर नींद भी बढ़ाएगी याददाश्त
भरपूर नींद न केवल मस्तिष्क के लिए बल्कि संपूर्ण शरीर के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होती है. भरपूर नींद शरीर की टूट-फूट को भरने का कार्य करती है. व्यस्तता के चलते कई लोग भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं, जिससे उन्हें तनाव के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. इस कारण उनकी याददाश्त पर भी प्रभाव पड़ता है, इसलिए भरपूर नींद लें और स्वस्थ रहें.