रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपनी रेडियो वार्ता लोकवाणी की 11वीं कड़ी में नवा छत्तीसगढ़: हमर विकास-मोर कहानी विषय पर अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को न्याय, स्वाभिमान और स्वावलंबन की जिंदगी देना राज्य सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए राज्य सरकार ने धान का दाम 2500 रुपये क्विंटल, कृषि ऋण माफी, सिंचाई कर माफी, रियायती बिजली, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के किसानों को खेती के लिए नि:शुल्क बिजली जैसी योजनाएं लागू की, ताकि किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट लौट आए। सीएम बघेल ने नई सरकार द्वारा पौने दो वर्ष में शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीणों-किसानों की आय में वृद्धि, छत्तीसगढ़ी संस्कृति को प्रोत्साहन के लिए लागू की गई योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।
सीएम बघेल ने कहा कि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए राज्य सरकार की मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना संजीवनी बूटी साबित हो रही है। इस योजना के तहत प्रदेश के जरुरतमंद लोगों को गंभीर बीमारी से इलाज के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसके तहत 20 बिलासपुर में राजेन्द्र कुमार सोनी के पुत्र के लिए 20 लाख रुपए तक की सहायता दी गई। इसी प्रकार जांजगीर-चांपा की तहसील जैजेपुर के ग्राम बेथिया के अजीत कुमार जांगड़े के 14 वर्षीय पुत्र लक्की जांगड़े को मेजर थैलेसिमिया नाम की बीमारी के इलाज के लिए 14 लाख रुपए की सहायता दी गई।
कोरोना से बचने करें सुरक्षा उपायों का पालन
मुख्यमंत्री ने रेडियो वार्ता के माध्यम से प्रदेशवासियों से कहा कि कोरोना को देखते हुए हमें बड़े और भीड़ वाले कार्यक्रमों से बचना है। इसलिए न खुद ऐसे आयोजन करना है और न भीड़ में शामिल होना है। उन्होंने प्रदेशवासियों से यह अनुरोध भी किया कि सभी मास्क के उपयोग सहित सुरक्षा उपायों का पालन करें और घर में रहकर परिवार के साथ खुशियाँ मनाएं। मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में प्रदेशवासियों को नवरात्र, दशहरा, अग्रसेन जयंती, ईद-मिलादुन्नबी की शुभकामनाएं दीं।
बिजली ही नहीं, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाओं की रौशनी भी पहुंची बस्तर
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वायदा किया था कि बस्तर में विकास की जो नई शुरुआत होगी, वह आपसी समझ, आपसी विश्वास की बुनियाद पर होगी। घर और गांव रोशन हो गये हैं, तो मन को बहुत संतोष हुआ। बस्तर के दूरस्थ अंचल में 11 हजार 886 घरों में क्रेडा द्वारा बिजली पहुंचायी गयी। बिजली ही नहीं, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाओं की रौशनी भी बस्तर अंचल में पहुंचायी गई है। सुकमा जिले के जगरगुंडा नक्सल प्रभावित गांव में 13 साल बंद स्कूल चालू हो गये। बस्तर ने कुपोषण मुक्ति की अलख जगाई।
दन्तेवाड़ा में बनेगा मल्टीस्किल सेंटर
लोहाण्डीगुड़ा में आदिवासी किसानों की जमीन वापसी से उपजा उत्साह प्रदेश में 200 फूड पार्क स्थापित करने का माध्यम बन गया। 101 फूडपार्क के लिए जमीन चिन्हांकित हो चुकी है। जेल में बंद करीब 900 आदिवासियों की मुक्ति सुनिश्चित की गई है। अब तो आमचो बस्तर की धमक भी सुनाई पड़ रही है। इमली, हल्दी, काजू, कॉफी को आप लोगों ने बस्तर ब्रांड बना दिया है। हम बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना बनाएंगे और इंद्रावती नदी को बचाएंगे। भोपालपटनम में बांस आधारित कारखाना लगाएंगे। कोंडागांव में मक्का प्रसंस्करण करेंगे। दन्तेवाड़ा में मल्टीस्किल सेंटर स्थापित करेंगे। बस्तर कुपोषण मुक्त होगा, मलेरिया मुक्त होगा और हर तरह के अन्यायों से भी मुक्त होगा, यह मेरा वायदा है। नारायणपुर में उच्च क्षमता का ‘मोबाइल-टॉवरÓ और जगदलपुर से हैदराबाद-रायपुर की हवाई कनेक्टिविटी से हालात और तेजी से बदलेंगे। अब बदलता हुआ बस्तर सब के सामने है और आप लोगों की आवाजों की चहक, इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में शिक्षा दे रहे शिक्षकों-शिक्षिकाओं को दिया साधुवाद
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लोकवाणी के माध्यम से बच्चों को कोरोना काल में नवाचारों के जरिए शिक्षा दे रहे समस्त शिक्षकों और शिक्षिकाओं को साधुवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार ने 14 हजार 850 स्थाई शिक्षकों की भर्ती, पहिली तथा दूसरी कक्षा के बच्चों को 20 बोली-भाषाओं में द्विभाषी पाठ्यपुस्तकों का वितरण, स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मिडियम स्कूल योजना के तहत 51 सरकारी आदर्श अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने जैसे बड़े निर्णय लिए। शिक्षाकर्मियों का संविलियन 2 वर्षों में पूरा करने का वायदा भी निभाया है। सीएम बघेल ने कहा कि कोरोना संकट काल में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पहले ‘पढ़ाई तुंहर द्वारÓ योजना शुरू की। जिसमें 22 लाख बच्चे और 2 लाख शिक्षक-शिक्षिकाएं जुड़े। जहां इंटरनेट कनेक्टीविटी को लेकर समस्याएं आईं तो ‘पढ़ाई तुंहर पाराÓ योजना शुरू की। इस योजना में 22 हजार 916 शिक्षकों द्वारा 34 हजार 917 बसाहटों के पारे मोहल्लों में कक्षायें संचालित की जा रही है। जिसमें 7 लाख 48 हजार से ज्यादा बच्चे भौतिक दूरी और सुरक्षा के साथ पढ़ाई कर रहे हैं। 2 हजार 278 शिक्षक, 4 हजार 298 दुर्गम स्थानों में 72 हजार से अधिक बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं। इंटरनेट सुविधाविहीन स्थानों में ब्ल्यूटूथ के माध्यम से शिक्षण सामग्री प्रदाय किया गया है। बुल्टू के बोल के माध्यम से 26 हजार 522 लोगों को 55 हजार 748 आडियो सामग्री पढ़ाई के लिए भेजे गए। पारा-मोहल्ला में पढ़ाने वाले शिक्षकों को मिस्डकॉल गुरुजी, मोटरसायकल पर सिनेमा वाले बाबू जैसे नामों से लोकप्रियता मिल रही है।