नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत की पहली कोविड वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट तैयार कर रहा है। आने वाले ढ़ाई के भीतर यह वैक्सीन बाजार में आ जाएगी। इस वैक्सीन को ‘कोवीशील्ड नाम दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा सरकार ने हमें विशेष विनिर्माण प्राथमिकता लाइसेंस और 58 दिनों में परीक्षण पूरा करने के लिए परीक्षण प्रोटोकॉल प्रक्रियाओं में सहायता की। भारतीयों को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम (एनआईपी) के तहत इस वैक्सीन को मुफ्त में लगाया जाएगा, जैसा कि कार्यक्रम के तहत अन्य सभी वैक्सीन के साथ होता है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अधिकारी ने बताया कि पहली खुराक आज से अंतिम चरण में (फेस 3) हो रही है और दूसरी खुराक 29 दिनों के बाद होगी। अंतिम परीक्षण डाटा दूसरे खुराक से 15 दिनों बाद सामने आ जाएगा। उस समय तक हम कोवीशील्ड का व्यवसायीकरण करने की योजना बना रहे हैं। इससे पहले, तीसरे चरण के परीक्षण में कम से कम 7-8 महीनों का वक्त लगने की उम्मीद थी। 22 अगस्त से, 17 केंद्रों पर 1600 स्वयंसेवकों पर परीक्षण हो रहा है, यानि की हर केंद्र पर करीब 100 स्वयंसेवकों पर परीक्षण जारी है।
कोरोना वैक्सीन का ट्रायल दो माह में हो जाएगा पूरा : डॉ. हर्षवर्धन
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी कहा है कि देश के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन बनाने में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं और उम्मीद है कि दो माह में ट्रायल पूरा हो जाएगा। वैक्सीन इसी साल लोगों को मिल जाएगी। क्लीनिकल ट्रायल अंतिम चरण में है और तीन व्यक्ति क्लीनिकल टेस्ट के तीसरे चरण में भी पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए करीब 150 से ज्यादा लोगों पर अलग-अलग फेज में ट्रायल चल रहा है। 26 लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है। इसमें से भी तीन लोग क्लीनिकल ट्रायल के थर्ड फेस में पहुंच गए हैं। भारत इन ट्रायल में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है और उम्मीद है कि अगले दो माह में ट्रायल पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी साल भारत वैक्सीन देश के लोगों को उपलब्ध करा देगा।