नई दिल्ली (एजेंसी)। हृदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियों से जूझ रहे रोगियों की स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में कोरोना वायरस से मृत्यु होने की संभावना 12 गुना अधिक है। वहीं, ऐसे रोगियों की स्वस्थ व्यक्ति के मुकाबले कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने की छह गुना तक संभावना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा जारी रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है। 82 लाख लोगों को संक्रमित करने वाली और 4 लाख से अधिक लोगों की जान लेने वाली इस बीमारी के मरीजों की रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद विश्व स्वास्थ्य निकाय ने इसकी पुष्टि की है।
अमेरिका की संघीय एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) ने डब्लूएचओ को मरीजों की रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद जानकारी सौंपी। रिपोर्ट में अमेरिका में 22 जनवरी से 30 मई तक सामने आए 13 लाख संक्रमण के मामलों और 1,03,700 मौत के मामलों का विश्लेषण किया गया। इसमें सामने आया कि पांच में से एक (19.5 फीसदी) अंतर्निहित बीमारियों वाले लोग 1.6 त्न स्वस्थ लोगों की तुलना में मर गए। रिपोर्ट में बताया गया कि पुरानी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना भी अधिक थी। पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे 45.4 फीसदी लोग अस्पताल में भर्ती हुए, जबकि बिना किसी बीमारी से ग्रसित 7.6त्न लोग ही अस्पताल में भर्ती हुए।
सीडीसी ने रिपोर्ट में कहा कि 13 लाख संक्रमित लोगों में 14 फीसदी मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ी, दो फीसदी को गहन देखभाल और पांच फीसदी की मौत हुई। हालांकि, वास्तविक मृत्यु दर कम होने की संभावना रही क्योंकि हल्के या बिना किसी लक्षण वाले लोग अक्सर ठीक हो गए। विश्लेषण के अनुसार, गंभीर बीमारी और मृत्यु की संभावना उम्र के साथ बढ़ती है, विशेषकर पुरुषों और अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों में। सीडीसी रिपोर्ट भारत सहित दुनिया भर की रिपोर्टों के अनुरूप है, जहां अन्य बीमारियों वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु का खतरा अधिक था। अमेरिका में, हृदय रोग (32 फीसदी), मधुमेह (30 फीसदी) और फेफड़ों की बीमारी (18 फीसदी) कोविड-19 रोगियों में सबसे आम पुरानी बीमारियां हैं।