जशपुर। जशपुर के हरे-भरे जंगलों और सुरम्य वादियों में आयोजित जशपुर जम्बूरी 2025 पर्यटन का ऐसा महाकुंभ है, जो प्रकृति प्रेमियों और रोमांच तलाशने वालों के लिए यादगार अनुभव लेकर आया है। 6 से 9 नवंबर तक चलने वाले इस भव्य आयोजन में देशभर से आए 120 से अधिक प्रतिभागियों ने नीमगांव में पक्षी दर्शन से अपनी यात्रा की शुरुआत की, जहां शांत वातावरण ने सभी को प्रकृति के करीब ला दिया।

दो समूहों में बंटे पर्यटकों ने मयाली में कयाकिंग, एटीवी राइड, एक्वा साइकिलिंग और पेंटबॉल जैसे साहसिक खेलों का आनंद लिया, जबकि दूसरे समूह ने देशदेखा में बोल्डरिंग, रॉक क्लाइंबिंग, जुमारिंग और ज़िपलाइनिंग जैसी चुनौतीपूर्ण गतिविधियों में भाग लिया। मधेश्वर पहाड़ के प्राकृतिक शिवलिंग की दिव्यता के बीच आयोजित इस उत्सव में स्थानीय व्यंजनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी प्रतिभागियों के बीच अपनी छाप छोड़ी। शाम को सरना एथनिक रिजॉर्ट में पारंपरिक नृत्य और लोकगीतों ने जशपुर की जीवंत जनजातीय संस्कृति को मंच पर जीवंत कर दिया।

आखिरी सत्र में पर्यटक चमकीले तारों के नीचे कैम्पफायर के इर्द-गिर्द एकजुट हुए, जहां हंसी-मज़ाक और अनुभवों के आदान-प्रदान से यह दिन प्रतिभागियों के लिए एक यादगार बन गया। यह आयोजन न केवल पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए अवसर भी प्रस्तुत कर रहा है, जिससे जशपुर राज्य के पर्यटन मानचित्र पर अपनी खास पहचान बना रहा है। जशपुर जम्बूरी 2025 ने छत्तीसगढ़ के ग्रामीण पर्यटन को नई उड़ान दी है, जहां प्रकृति, संस्कृति और एडवेंचर का प्रभावशाली समागम देखने को मिल रहा है।





