दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे क्षेत्र में रेल क्षमता व संपर्कता को मिलेगा नया आयाम
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने आज भारतीय रेलवे की चार मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल अनुमानित लागत 24,634 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के नेटवर्क में लगभग 894 किलोमीटर की वृद्धि होगी। इन चार परियोजनाओं में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के गोंदिया–डोंगरगढ़ खंड (84 किलोमीटर 2,223 करोड़) की चौथी रेल लाइन परियोजना भी शामिल है, जो महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्यों से होकर गुजरती है। यह खंड पूर्व, मध्य और पश्चिम भारत को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण यात्री एवं माल यातायात मार्ग पर स्थित है।
यह परियोजना राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) और गोंदिया (महाराष्ट्र) जिलों से होकर गुजरती है, जिनमें से राजनांदगांव एक आकांक्षी जिला है। इस खंड से हज़ारा जलप्रपात, नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान, बम्लेश्वरी मंदिर, डोंगरगढ़ धारा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को भी बेहतर रेल संपर्क मिलेगा, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को नया प्रोत्साहन मिलेगा। मल्टी-ट्रैकिंग से लाइन क्षमता और गतिशीलता में वृद्धि होगी, जिससे निर्बाध रेल परिचालन सुनिश्चित होगा। यह परियोजना पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य एकीकृत योजना द्वारा मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है।
सीएम साय ने जताया पीएम मोदी व रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूरदर्शी नेतृत्व ही इस महत्वाकांक्षी परियोजना को साकार कर रहा है। “डबल इंजन सरकार” के समर्पित प्रयासों से छत्तीसगढ़ विकास की पटरी पर तेज़ी से अग्रसर है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम है, बल्कि इस परियोजना से सम्पूर्ण मध्य भारत की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा मिलेगी।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश का रेल नेटवर्क आधुनिकता, गति और जनसुविधा के नए युग में प्रवेश कर चुका है। छत्तीसगढ़ को इस दिशा में जो निरंतर सहयोग मिल रहा है, वह राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विस्तार का सशक्त आधार बनेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नई रेल लाइन के माध्यम से रायगढ़ मांड, कोरबा और इब घाटी की खदानों से कोयला परिवहन की गति बढ़ेगी, जिससे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना के थर्मल पावर प्लांट्स को नियमित आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इससे प्रदेश की खनिज अर्थव्यवस्था और लॉजिस्टिक तंत्र दोनों को स्थायित्व मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गोंदिया–डोंगरगढ़ चौथी रेल लाइन परियोजना छत्तीसगढ़ के लोगों को बेहतर आवागमन सुविधा, औद्योगिक प्रगति और पर्यावरणीय संतुलन का सशक्त आधार प्रदान करेगी।यह परियोजना छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास को गति प्रदान करने और “विज़न विकसित छत्तीसगढ़ 2047” के लक्ष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
- मार्ग लंबाई: 84 किलोमीटर
- अनुमानित लागत: ₹2,223 करोड़
- निर्माण अवधि: 5 वर्ष
- रेलवे पुलों की संख्या: 15 मेजर एवं 123 माइनर
- टनल: 1
- रोड ओवर ब्रिज: 3
- रोड अंडर ब्रिज: 22
- अतिरिक्त माल यातायात क्षमता: 30.6 मिलियन टन प्रति वर्ष
- CO₂ उत्सर्जन में कमी: 23 करोड़ किलोग्राम प्रति वर्ष (लगभग 1 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर)
- डीज़ल बचत: 4.6 करोड़ लीटर प्रति वर्ष
- लॉजिस्टिक लागत में बचत: ₹514 करोड़ प्रति वर्ष