भिलाई। दुर्ग के मोहन नगर थाना क्षेत्र के बहुचर्चित दुष्कर्म व बच्ची की हत्या के मामले में अब एक नया ट्विसट आ गया है। दरअसल दुर्ग पुलिस ने इस केस के तीन संदेहियों का सैंपल DNA टेस्ट के लिए भेजा। इसकी रिपोर्ट आने के बाद अब परिजनों के सुर बदल गए। परिजनों न सिर्फ पुलिस जांच पर संतुष्टि जताई है बल्कि आरोपी परिवार का होने के बाद भी उसके लिए भी वही सजा मांगी है जो ऐसे जघन्य मामलों में दी जाती है।
बता दें 6 अप्रैल को दुर्ग के मोहन नगर में 6 साल की बच्ची का शव कार के अंदर संदिग्ध हालत में मिला था। इसके बाद बवाल मच गया। पुलिस पहुंची और बच्ची के शव का पीएम कराया। पीएम रिपोर्ट में सेक्सुअल असॉल्ट की पुष्टि हुई। इसके बाद मामला और बिगड़ गया। परिजनो व मोहल्ले वालों ने कार मालिक को ही आरोपी मान लिया और उसके घर पर आग लगा दी। पुलिस फोर्स ने मामला संभाला और तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया। एक दिन बाद ही 7 अप्रैल को पुलिस ने मामले का खुलासा किया और बताया कि आरोपी कोई और नहीं बल्कि मासूम का सगा चाचा सोमेश यादव है।

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जांच से संतुष्ट नहीं थे परिजन
पुलिस के खुलासे के बाद परिवाल वाले यह मानने को तैयार नहीं थे कि बच्ची का चाचा ऐसा कर सकता है। बार बार परिजन पुलिस की जांच पर शक करते रहे और मुख्य आरोपी को बचाने का आरोप लगाते रहे। इस बीच कुछ कांग्रेस के नेताओं ने भी परिजनों के संदेह को हवा दे दी और जांच पर सवाल उठाते हुए सीबीआई से जांच कराने की मांग तक परिजनों के माध्यम से करा दी। इतना होने के बाद एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने एक दिन बाद एसआईटी का गठन किया ताकि केस की तेजी से विवेचना की जा सके।
जांच के लिए भेजा गया तीन संदिग्धों का DNA
एसआईटी के गठन के बाद इस केस में मुख्य आरोपी सोमेश यादव सहित दो अन्य संदेहियों का सैंपल DNA जांच के लिए भेजा गया। जांच के बाद 14 अप्रैल को DNA रिपोर्ट पुलिस के पास पहुंची। तीनों संदेहियों में से बच्ची के चाचा का ही DNA मैच हुआ। DNA मैच होने के बाद पुलिस ने इसका भी खुलासा किया और बताया कि किस तरह से सोमेश यादव ने अपनी की मासूम भतीजी से हैवानियत की। सीएसपी चिराग जैन ने एक दिन पहले बताया कि आरोपी ने खुद कबूल किया था। जांच में जो बातें सामने आई उसमें भी चाचा के आरोपी होने की पुष्टि हो रही थी। अब बच्ची के चाचा का DNA मैच हो गया है। रेप के दौरान बच्ची को दर्द हुआ और चीखने लगी तो आरोपी ने उसका मुंह दबा दिया, जिससे कार्डियक अरेस्ट आया। रिपोर्ट के मुताबिक इसी से बच्ची की जान गई है।
परिजनों ने कहा पुलिस की जांच ही सही
DNA रिपोर्ट आने के बाद जब हमारी टीम ने परिजनों ने बात की तो उनके सुर बदले बदले दिखे। परिजनों ने न सिर्फ बच्ची के चाचा को आरोपी मान लिया बल्कि पुलिस की जांच पर भरोसा हो गया। परिजनों का कहना है कि पुलिस की जांच सही थी। पहले हमें लग रहा था कि सगा चाचा ऐसे कैसे कर सकता है। आरोपी की बहन का कहना था कि वह अच्छा लड़का है लेकिन कैसे उसने यह सब किया वह नहीं जानती। उसने यह भी कहा कि आरोपी भले की उसका भाई हो उसे भी वहीं सजा मिले जो सभी को मिलती है।