भिलाई। मेटर्जिकल म्यूजिक मेकर्स ने धमाकेदार वापसी की है. सालों बाद पुराने साथी कलाकार एक साथ मंच पर आए और ढाई घंटे से भी अधिक समय तक खूबसूरत गीतों की ऐसी प्रस्तुतियां दीं कि दर्शक दीर्घा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा. मौका था बीएसपी ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रगति भवन में मशहूर गायक मो. रफी साहब की पुण्य स्मृति में आयोजित स्वरांजलि का.
भारत-सोवियत संघ सांस्कृतिक समूह में गठित इस सांगीतिक समूह ने मैटलर्जिकल म्यूजिक मेकर्स के नाम पर खूब सुर्खियां बटोरी थीं. संयंत्र के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा कभी इसमें रूसी कलाकार भी शामिल हुए करते थे. समूह ने देश भर के कई मंचों पर अपने कार्यक्रमों की मनोहारी प्रस्तुतियां दी थीं.
रफी साहब की 44 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित इस कार्यक्रम में बीएसपी-ओए के अध्यक्ष तथा सेफी चेयरमैन एवं कार्यकारी अध्यक्ष एनसीओए नरेंद्र कुमार बंछोर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे. 18 कलाकारों ने कुल 24 सदाबहार गीतों की प्रस्तुति दीरफी साहब के अमर गीत “मुझको मेरे बाद ज़माना ढूंढेगा, वो जब याद आए, याद न जाए, झिलमिल सितारों का, कितना प्यारा वादा है, छत्तीसगढ़ी गीत सुन 2 मोर मया पीर, आज मौसम बड़ा बेईमान है, एक हसीं शाम को, हो तुमसे दूर रहके, वादियां मेरा दामन एवं दीपेन्द्र हलधर प्रस्तुत मैं ये सोचकर गाकर श्रोताओं का दिल जीत लिया.
प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में संस्थापक अध्यक्ष ज्ञान चतुर्वेदी, संस्थापक सदस्य शिखा मोइत्रा, अलका शर्मा, राजवीर दास, दीपक दास, ऊषा महेश, अजय लोंधे, श्याम शेखर, अंजना विनोद, बिजया राय, संजय मोरे, गरिमा सिन्हा, वैंकट सुब्रमण्यम, संदीप घुले, बिपिन, आदि शामिल थे. संचालन सतीश जैन ने किया.
धन्यवाद ज्ञापन ओए महासचिव परविंदर सिंह ने किया. इस अवसर पर भिलाई के संगीत प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे. इनमें डॉ नचिकेत दीक्षित सपरिवार, पूर्व डीएसपी अजीत यादव, पूर्व महाप्रबंधक राकेश अस्थाना, साइकिल पोलो संघ के महासचिव चन्नैवार, साहित्यकार त्रयम्बक साटकर, श्रीकांत घुले, प्रकाश अघलावे, आई डी चंद्राकर, जयंत बागची, सुशील भालेकर, श्री लोंधे की माताजी आदि उपस्थित थे.