रायपुर। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को होने वाली आर्थिक परेशानियों को दूर करना, शादी के मौके पर फिजुलखर्ची को रोकना, सामूहिक विवाह के आयोजन से सामाजिक स्थिति में सुधार लाना है। गत दिवस रायगढ़ जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 45 जोड़े विवाह बंधन में बंधे। शासन की ओर से प्रत्येक जोड़े को कन्या के नाम से 35 हजार रूपये की राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की गई। उपहार के रूप में बैग, श्रृंगार सामाग्री, कपड़े इत्यादि वर-वधु को दिया गया तथा जोड़ों को विवाह प्रमाण पत्र दिया गया।
इनमें से गोपालपुर, बोईरदादर की निवासी श्रीमती देवंती सिदार और भगवानपुर निवासी श्रीमती भारती ने बताया कि उनकी शादी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 16 जुलाई को हुई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से उनका पंजीयन किया गया और इस योजना का लाभ मिला। उन्होंने बताया कि वे अभी अपने अपने पति के साथ बेहद खुश है। गरीबी के कारण परिवार वालों के लिए शादी कराना बहुत बड़ी चुनौती थी, पर इस योजना के चलते यह चुनौती आसानी से हल हो गई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और महिला एवम् बाल विकासमंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े को धन्यवाद देते हुए हितग्राहियों कहा कि इस योजना ने हमारे माता-पिता के आर्थिक बोझ को कम कर धूमधाम से विवाह करने समर्थ बना दिया।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। महतारी वंदन योजना, महतारी जतन योजना। ऐसी ही और एक योजना है- मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना। इस योजना के तहत सरकार द्वारा उन लोगों को सहायता प्रदान किया जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। ऐसे परिवार की बेटियों को इस योजना का लाभ दिया जाता है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों की बेटियों को विवाह के लिए सरकार सहायता राशि प्रदान करती है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना कमजोर, आर्थिक परिस्थितियों वाले परिवारों की बेटियों के हाथ पीले कर माता-पिता के आर्थिक बोझ को कम कर रही है, जिनके घर में बेटियां होती है, उनके माता-पिता को बेटी की शादी योग्य उम्र होते ही चिंता सताने लगती है। हर मां-बाप का सपना होता है कि उनकी बेटी की शादी धूमधाम से हो, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण सपना अधूरा रह जाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से हजारों परिवारों के माता-पिता के आर्थिक बोझ को कम कर उनकी चिंता दूर कर रही है।