नई दिल्ली। केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार शाम को पार्टी के स्टेटस को लेकर बड़ा फैसला लिया। आम आदमी पार्टी के लगातार बेहतर प्रदर्शन का इनाम मिला है और उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया हैं। वहीं तीन बड़ी पार्टियों राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (CPI) से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म कर दिया है। चुनाव आयोग का कहना है कि इन दलों को 2 संसदीय चुनावों और 21 राज्य विधानसभा चुनावों के पर्याप्त मौके दिए गए थे लेकिन वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए इसलिए उनका यह दर्जा वापस ले लिया गया।
चुनाव आयोग के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस को 2016 में राष्ट्रीय पार्टी का टैग दिया गया था, लेकिन गोवा और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में इसके खराब प्रदर्शन के कारण यह दर्जा वापस लेना पड़ा। अरुणाचल प्रदेश से पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव और विधानसभ चुनाव में एक राज्य पार्टी के मानदंडों को पूरा नहीं किया। शरद पवार ने एनसीपी का गठन 1999 में किया था। 2000 में इसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्ज मिल गया था लेकिन गोवा, मणिपुर और मेघालय में खराब प्रदर्शन के कारण पार्टी ने यह दर्जा खो दिया। सीपीआई की स्थापतना 1925 में हुई थी। 1989 में इसे राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता मिली थी, लेकिन पश्चिम बंगाल और ओडिशा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद उससे यह टैग वापस ले लिया गया।

राष्ट्रीय पार्टी बनने पर यह होता फायदा
राष्ट्रीय पार्टी बनने पर वह दल देश में कहीं भी चुनाव लड़ सकेगा, किसी भी राज्य में उम्मीदवार खड़ा कर सकेगा। दल को पूरे देश में एक ही चुनाव चिह्न आवंटित हो जाता है यानी वह चिह्न दल के लिए रिजर्व हो जाता है। कोई और पार्टी उसका इस्तेमाल नहीं कर सकेगी। चुनाव में नामांकन दाखिल करने के दौरान उम्मीदवार के साथ एक प्रस्तावक होने पर भी मान्य किया जाएगा। चुनाव आयोग मतदाता सूची संशोधन पर दो सेट मुफ्त में देता है. साथ ही उम्मीदवारों को भी मतदाता सूची मुफ्त में देता है। पार्टी दिल्ली में केंद्रीय दफ्तर खोलने का हकदार हो जाता है, जिसके लिए सरकार कोई बिल्डिंग या जमीन देती है। दल चुनाव प्रचार में 40 स्टार कैंपेनर्स को उतार सकेगी। स्टार प्रचारकों पर होने वाला खर्च पार्टी प्रत्याशी के चुनावी खर्च में शामिल नहीं होगा।

आयोग के फैसले को चुनौती देगी टीएमसी
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने राष्ट्रीय पार्टी का तमगा छीनने के चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जताई है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार टीएमसी आयोग के इस फैसले को चुनौती देगा और इसके लिए कानूनी विकल्प की तलाश कर रही है। टीएमसी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने कई राज्यों में बेहतर प्रदर्शन किया है। चुनाव आयोग के फैसले पर सीएम ममता बनर्जी की ओर से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के यह हैं नियम
- पार्टी को 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिला हो।
- 3 राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 3 फीसदी सीटों में जीत मिली हो।
- 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 4 राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल कर लिए हों।