रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। शीतकालीन सत्र के पहले दिन सत्र की शुरुआत में चर्चा के दौरान जोरदार हंगामा हुआ है। पहले दिन ही सदन का माहौल गरमा गया। सत्र की शुरुआत में ही विपक्ष ने सवाल दागने शुरू कर दिए। इस दौरान विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने 281 टेंडर में से 80 टेंडर रद्द करने का मामला उठाते हुए केन्द्र योजनाओं को आम जनता तक पहुंचने से रोकने का अरोप लगाया। वहीं शून्यकाल में आरक्षण का मुद्दा गरमाया। सत्ता पक्ष ने भाजपा विधायकों पर हस्ताक्षर रोकने का आरोप लगाया।
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की अध्यक्षता में विधानसभा के समिति कक्ष में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे सहित समिति के सदस्य मौजूद रहे। इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने सावित्री मंडावी को विधायक पद की शपथ दिलाई इसके बाद प्रश्न उत्तर का कार्य शुरू हो रहा है। छत्तीसगढ़ की पूर्व मंत्री लता उसेंडी के पिता पूर्व विधायक मंगलाराम उसेंडी के निधन पर दुख जताया गया। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
हंगामें के बाद भाजपा विधायकों का वॉकआउट, 10 मिनट स्थगित रहा सदन
सत्र के दौरान भाजपा विधायक सवालों के जवाब पर संतुष्ठ नहीं दिखे। इसके बाद भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर दिया। 10 मिनट तक विधानसभा की कार्यवाही स्थगित रही। इसके बाद दोबारा कार्यवाही शुरु हुई। इसके बाद विधायक कृष्णमूर्ति बांधे ने जल जीवन मिशन का मामला उठाया। उन्होंने पूछा कि अब तक जलजीवन मिशन के नाम पर कितने टेंडर किए गए।
आरक्षण पर गरमाया सदन
शीतकालीन सत्र के दौरान शून्यकाल में आरक्षण का मुद्दा गरमाया। सत्ता पक्ष ने भाजपा विधायकों पर आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर रोकने का आरोप लगाया। विधानसभा में सबकी सहमति से विधेयक पास होने के बाद भी अब तक राज्यपाल के पास रूके होने पर सत्ता पक्ष ने सवाल उठाए। विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि 32 दिन बाद भी आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर नहीं किया है। वहीं भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य में संवैधानिक संकट के हालात बन गए हैं। मुख्यमंत्री राज्यपाल को धमकी दे रहे हैं। आरक्षण पर दोनों पक्षों में तिखी बहस हुई।