छपरा (एजेंसी)। पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब पीने से अब तक 53 लोगों की मौत हो गई। इसके कारण अभी भी कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं। जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों को लेकर बिहार सरकार बैकफुट पर है। अब यहा शराब बंदी पर सवाल उठने लगे हैं। सरकार की सहयोगी पार्टी ही इस पर सवाल खड़े कर रही है। वहीं इस बीच मुख्यमंत्री नितीश कुमार के एक बयान भी चर्चा में है। मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कहा कि ‘जो नकली शराब पिएगा वह तो मरेगा ही, लोगों को खुद ही सचेत रहना होगा।
बता दें बिहार के सारण में इसुआपुर और मशरक थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से अब तक 53 लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद नितीश सरकार बैकफुट पर है। 2016 में नीतीश सरकार ने शराब की बिक्री और सेवन पर बैन लगाया था। शराबबंदी के बाद यहां पर अवैध रूप से शराब की बिक्री बढ़ी और लोग नशा करने के लिए नकली शराब तक पीने लगे हैं। शराब माफिया नकली शराब बनाकर धडल्ले से कमा रहे हैं। एक तरह से शराब के शौकीनों को शराब कहीं न कहीं से मिल ही जाती है लेकिन इससे सरकार को राजस्व की बड़ी हानि हो रही है। वहीं बिहार में जहरीली शराब से मौतों को लेकर विपक्ष सरकार की शराबबंदी को ही कारण मान रहा है।
इधर इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है. इसमें 31 पुलिसकर्मी हैं। इस मामले में पुलिस लगातार सारण जिले में छापेमारी कर रही है। अब तक 126 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन इन लोगों से यह पता नहीं चल पा रहा है जहरीली शराब के लिए यही जिम्मेदार हैं। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि जहरीली शराब थाने में रखी अवैध स्प्रिट चोरी करके बनाई गई थी। यानी सीधे पुलिस विभाग पर स्प्रिट को अवैध रूप से बेचने का आरोप लगाया जा रहा है। ग्रामीणों में चर्चा है कि कुछ महीने पहले मशरक थाना पुलिस ने भारी मात्रा में स्प्रिट जब्त की थी, इन्हीं में से 210 लीटर स्प्रिट से भरा एक ड्रम गायब है। इसी स्प्रिट से जहरीली शराब बनाए जाने की आशंका जताई जा रही है।





