भिलाई. ऑनलाइन सट्टा कारोबार के खिलाफ दुर्ग पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। दुर्ग पुलिस ने ऑनलाइन सट्टा के लिए उपयोग होने वाले 7 बैंक एकाउंट से एक करोड़ रुपए फ्रीज कराया है। एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि तीन माह में 21 करोड़ रुपए का 1100 बैंक खातों से ट्रांजेक्शन हुआ है। जिसकी पुलिस तफ्तीश में जुटी है। पुलिस का कहना है कि जल्द 30 से 40 करोड़ रुपए और फ्रीज करा दिए जाएंगे। महादेव ऐप और रेड्डी अन्ना ऐप के जरिए ऑनलाइन सट्टा का संचालन करने वाले सटोरियों के खिलाफ दुर्ग पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। गिरोह का भी पुलिस ने पर्दाफाश किया है।
सट्टा का मिली हब बना भिलाई
दुर्ग पुलिस ने वर्ष 2021 से महादेव ऐप और रेड्डी अन्ना ऐप के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। भिलाई नगर, सुपेला स्मृति नगर, छावनी, जामुल और मोहननगर थाना क्षेत्र में महादेव ऐप से जुड़े गुर्गों को पकड़ा गया। पुलिस ने लैपटॉप, मोबाइल, चेकबुक, बैक खाते समेत नकदी रकम जब्त किया। जैसे-जैसे पुलिस इस मामले में आगे तफ्तीश करती गई, काली कमाई की परत खुलती गई। पुलिस ने अब तक महादेव ऐप और रेड्डी अन्ना ऐप से ऑनलाइन सट्टा का कारोबार चलाने वाले 109 आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की है। 7 बैंक एकाउंट से 1 करोड़ रुपए फ्रीज कराया है। प्रदेश में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

मुख्य सरगना अभी भी है फरार
पुलिस ने वर्ष 2021 से महादेव ऐप संचालित करने वाले सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। देश छोड़कर भागे आरोपी सौरभ चंद्राकर और रवि उत्पल समेत सात आरोपियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने पत्राचार किया गया है। फिलहाल मुख्य सरगना पुलिस की पकड़ से बाहर है।

विदेशों में भी फैला है कारोबार
पुलिस ने बताया कि कैंप-1 मदर टेरेसा नगर निवासी सौरभ चंद्राकर और रवि उत्पल ने महादेव ऐप डिजाइन कराया है। इसके बाद दुर्ग भिलाई के सैकड़ों युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर दुबई ले गया, जहां रिसोर्ट लेकर ऑनलाइन सट्टा कारोबार शुरू किया। इसके बाद दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव और रायपुर के युवाओं को आईडी देकर इस कारोबार से जोड़ा। भिलाई में एक होटल संचालक ने इसी वजह से आत्महत्या कर ली, तब पुलिस जागी। व्यापारी लाखों के कर्ज में डूब गया था।