भिलाई. बिजली बिल के नाम पर स्कैम करने वाले कुख्यात जामताड़ा गिरोह के एक सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को प्रेस वार्ता में दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने इस पूरे स्क्रैम का पर्दाफाश करते हुए बताया कि पुलिस ने पांच दिन तक रोड ठेकेदार बनकर जमताड़ा में खुफिया तरीके से रैकी की। तब जाकर गिरोह का एक आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिस ने आरोपी मुकेश मण्डल पिता सुरेश मण्डल उम्र 27 वर्ष निवासी ग्राम झिलुवा टोला, खरबनी थाना नारायणपुर जामताड़ा से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इस मामले में गिरोह के तीन आरोपी अजय मण्डल पिता देवू मण्डल उम्र 21 वर्ष, अक्षय उर्फ पिन्टू मण्डल पिता केन्दर मण्डल उम्र 20 वर्ष, रंजीत मण्डल पिता लेदा मण्डल उम्र 35 वर्ष फरार हैं। पुलिस ने बताया कि चारों आरोपियों ने मिलकर देश के कई राज्यों में बिजली बिल के नाम पर एक करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की है।
बिजली काटने के नाम पर 1 लाख 48 हजार की ठगी
भिलाई के सुंदर नगर कोहका निवासी पुष्पेन्द्र गजेन्द्र ने 14 अगस्त को स्मृति नगर चौकी में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में पीडि़त ने बताया कि 10 अगस्त को मोबाइल नम्बर पर एक अज्ञात व्यक्ति का व्हाट्सअप मैसेज आया। मैसेज में लिखा था आप का बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा, बिजली बिल जमा नहीं हुआ है। यदि बिजली कनेक्शन कटने से रोकना चाहते है तो दिए गए बिजली विभाग के मोबाइल नम्बर पर अधिकारी से बात करो। पीडि़त ने व्हाट्सअप पर भेजे गए मोबाइल नम्बर पर संपर्क किया। दूसरी ओर से खुद को बिजली विभाग का कर्मचारी बताते हुए बिजली कनेक्शन काटने से रोकने हेतु अपने वरिष्ठ अधिकारी से बात करने को बोलकर एक नया मोबाईल नम्बर दिया गया। जिस पर पीडि़त के द्वारा सम्पर्क करने पर उसके द्वारा Quick करें। Support नामक एप्लीकेशन डाउनलोड कराया गया। जिससे प्रार्थी के बैंक खाते से 1,48030 रुपए कट गया है। अज्ञात आरोपियों के द्वारा प्रार्थी के बिजली कनेक्शन कट जाने का झांसा देकर धोखाधड़ी किया गया है। रिपोर्ट पर चौकी स्मृति नगर थाना सुपेला में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

वारदात का तरीका
आरोपी प्रारंभिक पूछताछ पर गुमराह करता रहा। पुलिस टीम ने सख्ती दिखाकर तथ्यात्मक तकनीकी आधार पर पूछताछ किया तो आरोपी मुकेश मण्डल ने बताया कि वह कक्षा 9वीं तक पढ़ा है। आस-पास के गांव के लोगों से सायबर ठगी का तरीका सीखकर अपनी स्वयं की एक टीम बनाकर सायबर ठगी का काम करता है। विस्तृत पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि वह अपने साथी अजय मण्डल, अक्षय उर्फ पिन्टू मण्डल और रंजीत मण्डल के साथ मिलकर काम करता है। मुकेश मण्डल Google के कस्टमर केयर से Developer से संपर्क करके 12% नाम की एक App ID Create कराता है और उससे मोबाईल नम्बरों का डाटा खरीदता है Developer द्वारा 1000-1500 रूपये में 10,000 मोबाईल नम्बरों का डाटा उपलब्ध करा दिया जाता है इसके बाद अजय मण्डल और अक्षय मण्डल बिजली विभाग का कर्मचारी व अधिकारी बनकर मोबाईल फोन पर Whatsapp पर बिजली बिल बकाया होना, जमा नहीं करने पर बिजली कनेक्शन कट जाने का मैसेज भेजते है और साथ ही बिजली कनेक्शन कटने से बचाने के लिये बिजली विभाग के कर्मचारी व अधिकारी का सम्पर्क मोबाईल नम्बर देते है, जिस पर प्रार्थी के द्वारा फोन करने पर Quick support नाम का .. एक एप्लीकेशन प्रार्थी के मोबाईल पर डाउनलोड कराया जाता है और प्रार्थी के मोबाईल का एक्सेस आरोपियों के द्वारा अपने मोबाइल फोन पर लेकर प्राची के बैंक खातों से रकम अपने फजी नाम व पता से विभिन्न विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा लिया जाता है। रंजीत मण्डल बैंक अकाउण्ट का प्रबंधन व संचालन करता है। ठगी की रकम को आपस में बांट लेते हैं।

मामले में इनकी रही सराहनीय भूमिका
सम्पूर्ण कार्यवाही में पुलिस अधीक्षक, दुर्ग के निर्देशन में एण्टी क्राइम एण्ड सायबर यूनिट दुर्ग से सउनि शमित मिश्रा, प्रआर संतोष मिश्रा, चन्द्रशेखर बंजीर, आरक्षक शहबाज खान, राकेश चौधरी, भावेश पटेल, विक्रांत यदु, जावेद खान, दिनेश विश्वकर्मा, चौकी स्मृति नगर से सउनि बाबुलाल साहू चौकी स्मृति नगर थाना भिलाई नगर से सउनि सुरेन्द्र सिंह राजपूत, आरक्षक सुशील चौधरी की उल्लेखनीय भूमिका रही।