जगदलपुर. लाल आतंक के खिलाफ पुलिस और प्रशासन को बड़ी सफलता मिली है। नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत 15 लाख रुपए की इनामी महिला नक्सली ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है। छत्तीसगढ़ के साथ आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना में सक्रिय दुर्दांत नक्सली रामन्ना की पत्नी माड़वी हिड़मे उर्फ सावित्री ने बुधवार को तेलंगाना के डीजीपी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। सावित्री बस्तर में दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी के इंचार्ज के रूप में सक्रिय थी। यहां कई बड़ी वारदातों को इसने अंजाम दिया है।

कोरोनाकाल में हुई थी रमन्ना की मौत
महिला माओवादी सवित्री का पति रामन्ना तीन दशकों तक बस्तर में आतंक का पर्याय बना हुआ था। दो वर्ष पूर्व कोरोनाकाल में बस्तर के जंगल मे हार्ट फेल होने के कारण उसकी मृत्यु हो गई थी। बस्तर पुलिस ने रामन्ना की पत्नी पर 15 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था। रमन्ना की मौत के बाद माओवादी गतिविधियों में लिप्त उसके पुत्र रंजीत ने भी वर्ष 2021 में तेलंगाना पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था।

डीजीपी के समक्ष किया सरेंडर
बुधवार को तेलंगाना के डीजीपी के समक्ष पुलिस ने सावित्री का विधिवत आत्म समर्पण करवाया। रामन्ना और उसकी पत्नी छत्तीसगढ़ के साथ-साथ आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में भी सक्रिय थे। दोनों ने नेतृत्व में माओवादियों ने छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को बड़ा नुकसान पहुंचाया था।

नक्सलियों ने बताया गद्दार
नक्सलियों की बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव गंगा ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि रामन्ना की पत्नी ने सरेंडर करके शर्मनाक हरकत की है। सावित्री गद्दार, कायर और स्वार्थी है। इतिहास में ऐसे गद्दारों की कोई जगह नहीं है। हम इस सरेंडर की निंदा करते हैं।