रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ रही साइबर ठगी को राज्य शासन ने गंभीरता से लिया है। अब प्रदेश में ऐसे अपराधों पर रोक लगाने के लिए साइबर एक्सपर्ट की मदद ली जाएगी। इसके साथ ही लोगों को साइबर ठगी से खिलाफ जागरुक करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से अभियान भी चलाया जाएगा। दरअसल छत्तीसगढ़ में पिछले तीन साल में ऑनलाइन ठगी के एक हजार से ज्यादा शिकायतें की गई हैं जिसमें से 330 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से अधिकांश प्रकरण भी अभी भी लंबित हैं।
ठगी के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश के पांचों संभागों में साइबर थाने खोलने तथा इसके लिए सौ करोड़ रुपए का बजट भी रखा है। पुलिस को साइबर ठगी की शिकायत 1930 पर दी जा सकती है। साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सचेत पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। बैंक द्वारा खाता या एटीएम बंद होने के संबंध में फोन नहीं किए जाते। इसलिए डिजिटल लोन, क्रिप्टो करेंसी, उच्च ब्याज दर का लालच, मल्टी लेवल मार्केटिंग, चिटफंड जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए। ठगी की ज्यादातर घटनाएं झारखंड के जामताड़ा से होती थी। लेकिन अब हरियाणा, राजस्थान समेत कई राज्यों तक फैल गया है। ठगी करने जो कॉल किए जाते हैं, ज्यादातर नंबर फर्जी तरीके से हासिल किए जाते हैं। इस वजह से पुलिस उन नंबरों को जल्द ट्रेस नहीं कर पाती।

हर महीने 35 लाख की ठगी
राजधानी के अलावा प्रदेश में साइबर ठग अलग-अलग तरीकों से ठगी कर रहे हैं। हर माह 30 से 35 लाख रुपये की ठगी हो रही है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश में हर महीने 500 से ज्यादा लोगों के पास अलग-अलग तरीके से ठगी के कॉल आ रहे हैं इनमें से 25 से 30 फीसदी लोग ठगों के झांसे में आ जाते हैं।
