90 के दशक को गोल्डन एरा भी कहा जाता है। इस दशक की फिल्में, गाने और टीवी सीरियल्स आज भी याद किए जाते हैं। लेकिन 90 के दशक में आने वाले कार्टून्स की बात की कुछ और होती थी। उस समय के जितने भी कार्टून टीवी पर प्रसारित किए गए लगभग सभी मास्टरपीस रहे हैं। हम सभी टीवी पर कार्टून देखकर ही बड़े हुए हैं। बहुत से कार्टून जैसे- टॉम एंड जेरी, मिक्की माउस और स्कूबी-डू तो आज भी दिल के करीब हैं। 2000 के दौर में भी बहुत से कार्टून आए, लेकिन उनके कंटेंट में समय के साथ कुछ बदलाव आया। धीरे-धीरे उनमें आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल होने लगा और फिर उन्हें कई देशों में बैन कर दिया गया। आज हम आपको ऐसी ही कुछ कार्टून सीरीज के बारे में बताने जा रहे हैं।
टॉम एंड जेरी
दुनिया के सबसे मशहूर कार्टून शो टॉम जैरी को तो आज भी बच्चे पसंद करते हैं। लेकिन इसके कुछ एपिसोड को विदेशों में बैन किया जा चुका है। दरअसल कहा गया था कि इसके एपिसोड मे हिंसा और शराब को बढ़ावा दिया जा रहा है। ये बच्चों के लिए सही नहीं है।

पेपा पिग
पेपा पिग एक ब्रिटिश एनिमेटेड कार्टून सीरीज है। इसे विवादित कंटेंट दिखाने की वजह से ऑस्ट्रेलिया में बैन कर दिया गया था। तर्क दिया गया था कि ऑस्ट्रेलिन मकड़ी जानलेवा होती है और इसमें स्पाइडर और बग्स को साथ लड़ते हुए दिखाया जा रहा है।

शिन चैन
शिन चैन कार्टून सीरीज तो भारत में बच्चों के बीच काफी पॉपुलर थी। घर के बड़ों के साथ शिन चैन के शरारती व्यवहार को लेकर इसे 2008 में भारत में बैन कर दिया गया था। इसके कंटेंट को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
पॉकीमान
एक बार पॉकीमॉन के एपिसोड़ में विस्फोट होते हुए दिखाया गया था, जिसमें लाल और नीली तेज चमक निकली थी। इसे देखने के बाद करीब 600 बच्चे स्वास्थ्य खराब होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हो गए थे। इस वजह से इसे जापान, तुर्की और अरब देशों में बैन कर दिया गया था।
काऊ एंड चिकन
भारत में गाय की पूजा की जाती है और इस शो में गाय के साथ हिंसा दिखाई जा रही थी। इसलिए इसके कंटेट को अपमानजनक बताते हुए इसे भारत में बैन कर दिया गया था।