रायपुर। नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ के महासमुंद इलाके में चार साल पहले हुए सामूहिक हत्याकांड मामले में शनिवार सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश किया है। कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि महासमुंद में 2018 में एक ही परिवार के चार लोगों की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस की कार्रवाई और जांच को लेकर मृतकों के परिजन असंतुष्ट थे। जिसके चलते उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच की मांग की थी। इस मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जज गौतम भादुड़ी की बेंच ने फैसला सुनाया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के महासमुंद इलाके के पिथौरा थाना क्षेत्र के गांव किशनपुर में 31 मई 2018 को योगमाया साहू उसके पति चैतन्य साहू और दो बच्चों सात वर्षीय तन्मय साहू और नौ वर्षीय कुणाल साहू की बड़ी बेरहमी से धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। मृतका योगमाया गांव में ही बने उप स्वास्थ केंद्र में काम करती थी और अपने परिवार के साथ उसी स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बने अपने घर में रहती थी।
घटना के अगले दिन चारों के शव घर से बरामद किए गए थे। मामले में परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो परिजनों ने इसके विरोध में जमकर हंगामा करते हुए धरना भी दिया था। इसके बाद काफी दबाव में आकर पुलिस ने एक आरोपी धर्मेंद्र को इस मामले में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा था कि धर्मेंद्र बारिहा चोरी के इरादे से घर में घुसा था, जिसे चैतन्य ने पकड़ लिया, जिसके बाद धर्मेंद्र ने सबकी हत्या कर दी। पुलिस के इस बयान को लेकर मृतक के परिजनों ने असंतुष्टि जताई थी। चैतन्य के पिता बाबूलाल साहू ने अपने वकील राघवेंद्र प्रधान के माध्यम से याचिका दाखिल की थी।
इस मामले में परिजनों के दबाव के बाद पुलिस ने आरोपी धर्मेंद्र का नार्को देस्ट भी कराया गया था। इस टेस्ट में उसने अपने साथ पांच और आरोपियों हुए फूल सिंह यादव, गौरी शंकर केवट, सुरेश खूंटे और अखंडल प्रधान का नाम भी लिया था। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस केस में अब तक कुल 5 लोगों को पकड़ा है। वहीं, अब हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच कराने के आदेश दिए हैं।