राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में महिलाएं आत्म निर्भरता व आर्थिक आजादी की नई मिसाल पेश कर रही हैं। राज्य के राजनांदगांव जिले की महिलाओं को ‘गौठानों’ में विभिन्न तरह के कारोबार के लिए 107.75 करोड़ रुपये के कर्ज दिए गए हैं।
राजनांदगांव जिले में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गौथानों की स्थापना की गई है। ये महिलाएं गौथानों में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं। राजनांदगांव जिले के गांवों में ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में गौथानों की स्थापना की गई है। सरकार द्वारा दिए गए ऋणों के माध्यम से जिले की महिलाओं ने मशीनरी खरीदी है और गौथानों में विभिन्न उत्पाद बना रही हैं।

जिला कलेक्टर तरण सिन्हा ने कहा कि प्रशासन की मदद से इन महिला इकाइयों द्वारा तैयार मसाले, हर्बल रंग, चंदन, फिनाइल, साबुन, पापड़, अचार, मुर्गी उत्पाद, तार की बाड़, सीमेंट के खंभे और वर्मीकम्पोस्ट सहित तमाम उत्पादों को पूरे राज्य में बेचा जा रहा है।

इसके अलावा जिले के निवासी बकरी पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन और बांस हस्तशिल्प वस्तु निर्माण में भी लगे हुए हैं। अब तक 6,557 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने 107.75 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। 80.74 करोड़ रुपये के कर्ज वितरण के लक्ष्य को पार कर 133 फीसदी कामयाबी हासिल की है।
जिले की महिला उद्यमी ऋण के पुनर्भुगतान के मामले में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। राजनांदगांव में स्वयं सहायता समूहों का गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (npa) अनुपात तीन फीसदी है जबकि राज्य का औसत पांच फीसदी है।
कौशल उन्नयन और आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ के तहत प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। प्रशिक्षक विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं और स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षण और स्वयं सहायता समूहों के गठन में मदद कर रहे हैं। राजनांदगांव जिले में, ग्रामीण क्षेत्रों की लगभग 1,95,000 महिलाएं बिहान योजना के तहत 17,914 स्वयं सहायता समूहों में शामिल होकर आर्थिक गतिविधियां कर रही हैं।