रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र सात मार्च से शुरू होने जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नौ मार्च को साल 2022-23 का वार्षिक बजट पेश करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सदन की कार्यवाही में अब हर साल 58 पेड़ बचेंगे। वहीं पर्यावरण में करीब 10 टन कॉर्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन भी कम होगा। दरअसल, महंत विधानसभा में इस सत्र से शुरू हुई सवाल-जवाब की ऑनलाइन प्रणाली के फायदे बता रहे थे।
उन्होंने बताया कि लेस पेपर प्रणाली के प्रभाव पर उन्होंने आईआईटी खडग़पुर के पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग से एक अध्ययन कराया है। उसकी प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है। इसके मुताबिक, पिछले आठ सालों में विधायकों ने 36 हजार 650 सवाल लगाए हैं। इनके उत्तर आने के प्रत्येक चरण में करीब 100 पेज का उपयोग होता है। ऐसे में सालाना चार लाख 55 हजार पेज खर्च होते हैं। अगर यह खर्च रुकता है तो करीब 2.2 टन कागज की बचत होगी। इसकी वजह से हर साल 9.68 टन लकड़ी या 58 पेड़ कटने से बच जाएंगे। कागज बनाने की प्रक्रिया में लगने वाले एक लाख लीटर पानी की बचत होगी। वहीं इतनी बिजली बच जाएगी, जितनी 73 घरेलू रेफ्रीजरेटर को एक साल तक चलाने के लिए काफी है।
उन्होंने बताया कि अध्ययन में बताया गया है कि इस पूरी प्रक्रिया से हर साल 9.9 टन कॉर्बनडाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। दूसरे पर्यावरणीय प्रभावों की भी बारीक जानकारी इस अध्ययन में दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पहली बार ही 90 फीसदी सवाल ऑनलाइन ही मिले हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी। उसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साल 2021-22 का तीसरा अनुपूरक बजट रखेंगे। बजट सत्र को छोटा रखने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अधिकतर विधायकों की ड्यूटी विधानसभा चुनावों में लगी थी। इसी वजह से सत्र को छोटा रखा गया है।




