बिजनेस डेस्क/नई दिल्ली (एजेंसी)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट पेश किया। न तो आयकर स्लैब्स बदली गई है और न ही कोई बड़ी छूट दी गई है। हालांकि, करदाताओं को बड़ी राहत के तौर पर दो साल में अपने रिटर्न को अपडेट करने की अनुमति दी है। इसके अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी नेशनल पेंशन स्कीम में योगदान पर 14 प्रतिशत टैक्स छूट देने का फैसला किया है।
यह रहेंगी आयकर की स्लैब्स

- दोनों ही विकल्पों में 2.5 लाख रुपये तक की आय करमुक्त है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत कर लगता है। हालांकि, आयकर अधिनियम की 87A के तहत 12,500 रुपये तक की छूट दी गई है। इसका मतलब है कि दोनों ही विकल्पों में 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं चुकाना पड़ता।
- नए विकल्प में 5 से 7.5 लाख रुपये पर 10% और 7.5 लाख से 10 लाख रुपये की आय पर 15% टैक्स है, जबकि पुराने विकल्प में 5 से 10 लाख रुपये की आय पर 20% टैक्स लगता है।
- पुराने विकल्प में 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगता है। नई व्यवस्था में 10 से 12.5 लाख रुपये की आय पर 20% और 12.5 लाख से 15 लाख रुपये पर 25% टैक्स है। 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगता है। सेस और सरचार्ज की वजह से प्रभावी टैक्स रेट बढ़ जाता है।
रिटर्न अपडेट करने की अनुमति
अगर किसी करदाता ने अपनी सालाना आय की घोषणा में कोई गलती है तो वह इसे दो साल में सुधार सकता है। इसके लिए उसे अपना रिटर्न अपडेट करना होगा। इससे मुकदमेबाजी कम होगी। लोगों को दो साल में अपनी घोषित आय में सुधार करने की अनुमति मिलेगी। उन्हें आवश्यक कर का भुगतान करना होगा।

राज्य सरकार के कर्मचारियों को राहत
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम में योगदान पर 14 प्रतिशत तक की टैक्स राहत मिलती है, जबकि राज्य सरकार के कर्मचारियों को 10 प्रतिशत। इसमें बदलाव करते हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी 14 प्रतिशत टैक्स राहत देने का फैसला किया है। इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह एनपीएस में योगदान पर टैक्स छूट मिलेगी।
वर्चुअल संपत्ति पर 30 प्रतिशत टैक्स
नए प्रस्ताव के तहत वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों (क्रिप्टो) पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा। इन संपत्तियों को खरीदने पर किए गए खर्च के अलावा कोई छूट नहीं मिलेगी। 1 प्रतिशत टीडीएस भी लागू होगा। वर्चुअल करेंसी को गिफ्ट देने पर भी टैक्स चुकाना होगा।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 15 प्रतिशत सरचार्ज
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 15 प्रतिशत सरचार्ज लगाया जाएगा। इस समय यह सिर्फ लिस्टेड शेयर और म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स पर लगता था। अब यह सभी संपत्तियों पर लगेगा।