नई दिल्ली (एजेंसी)। गणतंत्र दिवस में परेड के लिए अलग-अलग राज्यों और मंत्रालयों के साथ भारतीय सेना के तीनों अंगों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। बताया गया है कि भारतीय थलसेना (इंडियन आर्मी) इस साल अपनी परेड में जवानों की यूनिफॉर्म और राइफलों में समय के साथ हुए बदलावों को पेश करेगी। मेजर जनरल आलोक कक्कड़ ने इस बात की जानकारी दी है। भारतीय सेना के तीन दस्ते पिछले दशकों की यूनिफॉर्म पहने और राइफलें उठाए मार्च करते नजर आएंगे। उधर एक दस्ता आजादी के अमृत महोत्सव का हिस्सा बने इस गणतंत्र दिवस पर भारतीय सेना की नई कॉम्बैट यूनिफॉर्म का प्रदर्शन करेगा। इस टुकड़ी के पास आधुनिक टैवोर राइफल्स भी दिखेंगी।
मेजर कक्कड़ ने बताया कि 2022 के गणतंत्र दिवस में भारतीय सेना के कुल छह दस्ते नजर आएंगे। हर दस्ते में पारंपरिक 144 सैनिकों के बजाय 96 सैनिकों को जगह दी गई है, ताकि कोरोनावायरस के प्रोटोकॉल्स का भी पालन किया जा सके। भारतीय सेना की ओर से मार्च में उतरने वाला पहला दस्ता राजपूत रेजिमेंट के सैनिकों का होगा, जो कि 1950 की यूनिफॉर्म पहने और साथ में .303 बोर की राइफल लिए नजर आएंगे। इसके बाद दूसरा मार्चिंग दस्ता असम रेजिमेंट के सैनिकों का होगा और यह दस्ता 1960 के दशक की यूनिफॉर्म के साथ .303 बोर की राइफल लिए दिखेगा।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की झांकी में दर्शायी जाएगी लोक अदालत
उधर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की झांकी 26 जनवरी को यहां राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार शामिल होगी। झांकी में लोक अदालत को दर्शाया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि कानून मंत्रालय की झांकी का विषय ‘एक मु_ी आसमान (समावेशी कानूनी प्रणाली): लोक अदालतÓ है। उन्होंने कहा कि झांकी के सामने के हिस्से में ‘न्याय सबके लिएÓ के साथ हाथ का एक भाव दिखाया गया है, जो निडरता, गारंटी और सुरक्षा का प्रतीक है।
झांकी के पिछले हिस्से में एक हाथ को एक-एक करके अपनी पांच अंगुलियों को खोलते हुए देखा जा सकता है, जिसमें लोक अदालतों के पांच मार्गदर्शक सिद्धांतों – सभी के लिए सुलभ, निश्चित, किफायती, न्यायसंगत और समय पर न्याय- को दर्शाया गया है।