रायपुर। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य की सीमा पर स्थित सीआरपीएफ कैंप से बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि यहां जवानों के बीच खूनी संघर्ष हुआ है। सीआरपीएफ 39 बटालियन के एक हेड कॉन्स्टेबल ने अपनी सर्विस राइफल से कैंप में ही तैनात एएसआई पर फायरिंग कर दी। एएसआई की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद हेड कॉन्स्टेबल ने खुद भी आत्महत्या करने की कोशिश की। उसे गंभीर हालत में वारंगल अस्पताल ले जाया गया है।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, मुलुगु जिले में सीआरपीएफ के एएसआई उमेश चंद्र और हेड कॉन्स्टेबल स्टीफन के बीच विवाद था। इसे लेकर ही यह घटना हुई है। फायरिंग की आवाज सुनते ही कैंप के अन्य जवान भी तुरंत मौके पर पहुंच गए। सीआरपीएफ के अफसरों ने मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

इससे पहले सुकमा जिले के लिंगनपल्ली सीआरपीएफ कैंप में भी एक जवान ने अपने 7 साथियों को गोलियों से भून दिया था। इस घटना में चार जवानों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हुए थे। घटना के एक दिन बाद पूछताछ में आरोपी जवान ने बताया था कि साथी उसकी पत्नी पर टिप्पणी करते थे।

वहीं, बीते तीन-चार साल की बात करें, तो ऐसी ही घटनाओं में 20 से ज्यादा जवानों ने अपनी जान गंवाई है। सबसे ज्यादा नारायणपुर, बीजापुर और सुकमा स्थित सुरक्षा बलों के कैंप में इस तरह की घटनाएं हुई हैं। इस तरह की घटनाओं में सबसे ज्यादा सीआरपीएफ के नौ, आईटीबीपी के छह और सीएएफ के पांच जवानों की जान गई है।