भिलाई। पार्षद चुनाव के अपराजेय योद्धा रिकेश सेन ने अपने वार्ड के विकास का एक बेहतरीन रोडमैप तैयार किया है। इसके तहत न केवल बच्चों व युवाओं की बेहतर शिक्षा को ध्यान में रखा गया है, बल्कि क्षेत्र के बेरोजगारों के लिए भी एक अभिनव रोजगार योजना बनाई गई है। रिकेश चाहते हैं कि उनके क्षेत्र की पहचान एक आदर्श वार्ड के रूप में हो। अब तक वार्ड क्रं. 26 एक वृहद इलाका हुआ करता था, जिसके चलते विकास की राशि अलग-अलग क्षेत्रों में बँट जाती थी, किन्तु परिसीमन के बाद अब रामनगर वार्ड का आकार सीमित हो गया है। जाहिर है कि अब विकास राशि का अलग-अलग बँटवारा नहीं होगा, जिसका लाभ सिर्फ रामनगर मुक्तिधाम क्षेत्र को मिलेगा। रिकेश को लीक से हटकर काम करने के लिए जाना जाता है।
पिछले चुनाव तक रामनगर वार्ड में जवाहर नगर, बाबा दीपसिंह नगर, अटल आवास क्षेत्र, गुरूनानक मार्केट क्षेत्र, वाम्बे आवास क्षेत्र, आईएसडीपी आवास क्षेत्र और रामनगर मुक्तिधाम का क्षेत्र शामिल था। इतना वृहद इलाका होने की वजह से यदि विकास कार्यों के लिए नगर निगम से 1 रूपए की राशि स्वीकृत होती तो प्रत्येक क्षेत्रों में 20-20 पैसे ही पहुंच पाते थे। इसका नुकसान पूरे वार्ड को होता था, क्योंकि पूरे वार्ड का सम्पूर्ण विकास नहीं हो पाता था। किन्तु इस बार हालात बदल गए हैं। नए परिसीमन के बाद रामनगर वार्ड 26 का आकार छोटा हो गया है। इसलिए यदि अब नगर निगम से विकास कार्यों के लिए 1 रूपए की राशि स्वीकृत होगी तो यह पूरी राशि रामनगर मुक्तिधाम क्षेत्र में ही व्यय होगी। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि वार्ड का विकास ज्यादा से ज्यादा और तेजी से हो पाएगा। हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि नगर निगम से विकास राशि स्वीकृत करने के लिए वार्डवासियों को अनुभवी और जुझारू पार्षद की जरूरत होगी। यदि वार्डवासी अपना पार्षद चुनने में जरा भी चूक करते हैं या नए लोगों पर भरोसा जताते हैं तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान खुद उन्हें ही होगा और रामनगर वार्ड विकास के मामले में काफी पीछे रह जाएगा।
उल्लेखनीय है कि निवृत्तमान पार्षद और भाजपा के वर्तमान प्रत्याशी रिकेश सेन पिछले कार्यकाल में नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के पद पर थे। उन्होंने अपने इस दायित्व का पूरी जिम्मेदारी और दम-खम के साथ निर्वहन किया। जाहिर है कि पार्षद चुनाव जीतने के बाद वे महापौर पद के भी प्रबल दावेदार हैं, क्योंकि जो पार्षद दल का नेता होता है, वही बहुमत की स्थिति में सत्ता प्रमुख भी बनता है। इस आधार पर रामनगर वासियों पर इस बार दोहरा दायित्व है। उन्हें अपने वार्ड से न केवल पार्षद अपितु भावी महापौर भी चुनना है।

नकारात्मक विरोध की बजाए बताएं अपनी योजना
इधर, यह भी खबर आ रही है कि रिकेश सेन के खिलाफ दीगर प्रत्याशियों ने नकारात्मक प्रचार शुरू कर दिया है। रिकेश सेन इसे बहुत ज्यादा गम्भीरता से नहीं लेते। उनके मुताबिक, ”मुझे कटघरे में खड़ा करने की बजाए विरोधी प्रत्याशियों को अपना काम बताना चाहिए। दूसरे की आलोचना करने की बजाए उन्हें खुद करके दिखाना चाहिए। लेकिन ऐसे लोगों की उपलब्धियां वार्ड के प्रति शून्य है। वार्ड के अपने राजनीतिक विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए रिकेश कहते हैं,- ”विपक्षी या उनकी पार्टी ने रामनगर वार्ड के लिए क्या किया यह ज्यादा महत्वपूर्ण है। लेकिन ऐसे लोगों का एकमात्र उद्देश्य ही रिकेश सेन को हराना है। चाहे झूठे प्रचार-तंत्र का सहारा ही क्यों न लेना पड़े। रिकेश कहते हैं,- ”विरोधियों का उद्देश्य रामनगर वार्ड का विकास होना चाहिए। मुझे नीचा दिखाने से वार्ड का विकास नहीं होगा।
बच्चों की शिक्षा पर होगा फोकस
वार्ड विकास के अपने भावी रोडमैप के बारे में रिकेश सेन कहते हैं,- ”रामनगर के सब्बो लइका अब आत्मानंद स्कूल म पढ़ही…। इसकी जिम्मेदारी हमने ली है। वे बताते हैं,- ”शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत उन्होंने पहले भी स्थानीय बच्चों का एडमिशन कराया था। इस बार उनकी योजना है कि हर उस बच्चे को शिक्षा का लाभ दिलवाया जाए, जो आर्थिक, पारिवारिक व अन्य कारणों से स्कूल नहीं जा पाते। कई ऐसे भी बच्चे हैं, जिनके परिवार के पास बीपीएल कार्ड नहीं है। इन सभी की शिक्षा के लिए एक सुव्यवस्थित योजना बनाई गई है। शिक्षा सबका मौलिक अधिकार है, चाहे वह किसी गरीब, असहाय व लाचार का बच्चा ही क्यों न हो। ऐसे बच्चों का एडमिशन शहर के नामी-गिरामी स्कूलों में कराया जाएगा।
प्रतियोगी परीक्षाओं की कराएंगे तैयारी
रिकेश सेन ने कहा कि योग्यता होने के बावजूद गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार के छात्र अक्सर पीछे रह जाते हैं। नौकरियां हासिल करने के लिए वे महंगी शिक्षा और उसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए संघर्ष करते रहते हैं। इसीलिए उन्होंने रेलवे, विद्युत, पीडब्ल्यूडी व क्लर्क समेत अन्य पदों के लिए होने वाली परीक्षाओं के लिए नाइट कोचिंग की योजना तैयार की है। इस योजना के तहत वार्ड 26 में एक कोचिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस सेंटर में प्रशिक्षित और काबिल लोगों के जरिए प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने के टिप्स युवाओं को दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शासकीय नौकरी हासिल करना शिक्षित युवाओं का अधिकार है। हम इसके लिए माध्यम बनने का प्रयास करेंगे।
प्रायवेट सेक्टर में भी खुलेंगे द्वार
बात सिर्फ शिक्षित युवाओं की ही नहीं है, रिकेश की मंशा है कि शिक्षा की दौड़ में पीछे रह गए या कम पढ़े लिखे लोगों को भी रोजगार के अवसर मुहैय्या हो। इसके लिए भी उन्होंने विशेष योजना तैयार कर रखी है। योजना के तहत ऐसे लोगों के लिए प्रायवेट सेक्टर में नौकरी की तलाश की जाएगी। समय-समय पर वार्ड में रोजगार कैम्प लगाए जाएंगे। इन कैम्पों का प्रमुख उद्देश्य स्थानीय वार्डवासियों के लिए रोजगार के अवसर सुलभ कराना होगा। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में कतिपय प्रायवेट कंपनियों से चर्चा की थी। अब इन कंपनियों को वार्ड में बुलाकर खाली हाथों को रोजगार सौंपना है। रिकेश सेन कहते हैं,- ”उनके छोटे-छोटे प्रयासों से यदि किसी घर में खुशहाली आती है तो उनके जीवन का उद्देश्य पूरा हो जाएगा।




