अपनी व परिवार की जान की परवाह किए बिना डँटे रहे जाँबाज जनसेवक लक्ष्मीपति राजू
भिलाई। क्या कोरोना काल के उस पीड़ादायक और भयावह मंजर को भुलाया जा सकता है, जब चहुंओर भय का माहौल था। कोरोना हर घर के बाहर बैठा अपने कातिल पंजों से बेगुनाह और मासूम लोगों को दबोचने के लिए बेताब था। यह वह वक्त था, जब लोगों के भीतर कोरोना के टीके को लेकर भी एक अजीब-सी दहशत थी। अफवाहें फैलाई जा रही थी कि कोरोना का टीका लगवाने से मौतें हो रही है। इस अत्यंत घुटनभरे माहौल में बहुत सारे जनप्रतिनिधि अपने-अपने घरों में दुबके रहे। परंतु ऐसे भी बहुत से लोग थे, जिन्होंने अपने क्षेत्र के नागरिकों की जान बचाने का बीड़ा उठाया और ऐसा उठाया कि हजारों लोगों की जान बचाकर ही दम साधा। हम बात कर रहे हैं सेक्टर-7 क्षेत्र के जागरूक जनसेवक लक्ष्मीपति राजू की, जिन्होंने इस भीषण और हत्यारे वातावरण में भी अपनी और अपने परिवार की जान की परवाह किए बिना रात-दिन अपने क्षेत्रवासियों को समर्पित किया। उन्होंने हर जरूरतमंद को सुविधाएं तो उपलब्ध कराईं ही, टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित भी किया। उनके प्रयासों से 20 हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग पाई और 500 परिवारों को कोरोना से बचाव के लिए किट का वितरण किया जा सका। इससे पहले उन्होंने एक काबिल टीम बनाई। बुजुर्गों, जिन्हें कोरोना के जानलेवा वायरस द्वारा लीलने का खतरा ज्यादा था, उनका घर से निकलना बंद करवाया। भोजन, पानी से लेकर आवश्यक दवाएं उपलब्ध करवाने तक के सारे इंतजामात किए। वार्डवासियों की पीड़ा से भागीदारी करते हुए उन्होंने 4 मोबाइल नम्बर जारी किए, ताकि हर तरह की इमरजेंसी पर वे और उनकी टीम तत्काल उपलब्ध हो सके। यही वजह है कि आज लक्ष्मीपति राजू न केवल अपने बल्कि आसपास के वार्डवासियों के भी चहेते बने हुए हैं।
2020 में फरवरी-मार्च के वे अलसाए हुए दिन थे, जब कोरोना का वायरस पूरी ऊर्जा और ताकत के साथ भारत और छत्तीसगढ़ में पहुंचा। एक-एक कर लोग इस बीमारी की चपेट में आने लगे तो भय का ऐसा खतरनाक वातावरण निर्मित हुआ, जो इससे पहले अकल्पनीय था। भिलाई क्षेत्र में भी इसी दौरान कोरोना के मरीजों की संख्या बढऩे लगी तो यहां भी लॉकडाउन लागू कर दिया गया। लेकिन लॉकडाउन की वजह से लोगों की तकलीफें अचानक बढ़ गई। बीमार लोगों की दवा, गरीबों के लिए भोजन-पानी, कोरोना से बचाव के लिए रक्षा सामग्री समेत कई ऐसे मसले थे, जिन पर हजारों लोगों की जान अटकी थी। ऐसे कठिन समय में लक्ष्मीपति राजू ने एक जागरूक जनप्रतिनिधि का परिचय देते हुए क्षेत्रवासियों की तकलीफों को अपने कंधों पर उठा लिया। उनके लिए पहली प्राथमिकता उन डरे-सहमे लोगों को हौसला देने की थी। ऐसे में वे खुद अपने घर से निकले और घर-घर जाकर लोगों का न केवल हौसला बढ़ाया बल्कि यह अपील भी की कि घर पर रहना ही इस बीमारी से बचने का सबसे अच्छा बचाव है। यह कोरोना वायरस का पहला दौर था, जब इस बीमारी के लेकर ज्यादा जानकारियां नहीं थी। लक्ष्मीपति राजू की अगुवाई में सेक्टर-7 क्षेत्र के लोगों ने कोरोना से पहली लड़ाई जीत ली थी, लेकिन अब तक इस जानलेवा वायरस का इलाज मयस्सर नहीं था।
वह वक्त भी आया जब कुछ हद तक नियंत्रित हो जाने के पश्चात कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी। यह इसी साल अप्रैल का वक्त था। वायरस के फैलाव और नित-नए रंग-रूप बदलती इस बीमारी से बचाव के लिए टीका बना और लगना भी शुरू हो गया। तब तक भिलाई में कोरोना के मरीजों की संख्या बेइंतहा बढ़ रही थी। इसी दौरान लोगों ने यह अफवाह भी उड़ाना शुरू कर दिया कि कोरोना टीकाकरण से कई तरह की बीमारियां होती है और जान का भी खतरा है। ऐसे विषम हालातों में लक्ष्मीपति राजू ने लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया। वे घर-घर गए और लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया। इस दौरान पूरे वार्ड को सेनिटाइज करना, घर-घर कोरोना किट (मास्क, सेनिटाइजर, टॉवेल आदि) पहुंचाने जैसे जमीनी काम शुरू किए गए। सेक्टर-7 में टीकाकरण शिविर लगाना, लोगों को शिविर स्थल तक पहुंचने के लिए प्रेरित करना तो उनकी व उनकी टीम की प्राथमिकताओं में था ही, इसके अलावा बुजुर्गों-असहायों को घर पर ही सहायता उपलब्ध कराना, जरूरी दवाओं की घर पहुंच सेवा और मोबाइल के जरिए प्रत्येक नागरिक से जीवंत सम्पर्क बनाए रखना जैसे दीर्घकालिक और प्रभावशाली काम उनकी मुश्तैदी और जागरूकता का ही नतीजा थे।

मिसाल बना सेक्टर-7 का टीकाकरण केन्द्र
सम्पूर्ण भिलाई और टाउनशिप क्षेत्र में सेक्टर-7 का वैक्सिनेशन सेंटर अपने आपमें एक मिसाल रहा। यह लक्ष्मीपति राजू के दृढ़ संकल्प का ही परिणाम था कि 31 मार्च 2021 से शुरू हुआ यह सेंटर कोरोना काल के सबसे कठिन समय में भी अनवरत् अपनी सेवाएं देता रहा। इस सेंटर में समय-समय पर सेनिटाइज करने से लेकर वहां, साफ-सफाई करवाने तक के काम लगातार चलते रहे, ताकि टीकाकरण के लिए पहुंचने वाले नागरिकों को किसी तरह का खतरा न हो। टीका लगवाने पहुंचने वाले नागरिकों के सुरक्षा के उपाय- मसलन, मास्क, दो गज की दूरी और हाथों को सेनिटाइज करने जैसे उपक्रम भी चलते रहे। टीकाकरण केन्द्र में पहुंचने वालों के लिए जूस, बिस्किट, चॉकलेट आदि की व्यवस्था भी उसी स्थल पर की गई। आज हालात यह है कि सेक्टर-7 क्षेत्र में सौ फीसदी टीकाकरण सम्पन्न हो चुका है। इस क्षेत्र के नागरिकों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। इस कामयाबी का पूरा-पूरा श्रेय यहां के जागरूक जनसेवक लक्ष्मीपति राजू को ही जाता है।
…जब अपनी जान लगा दी दांव पर
कोरोना की महामारी से जिस वक्त पूरी दुनिया त्राहि-त्राहि कर रही थी, ऐसे समय में जरूरी था कि क्षेत्र के नागरिकों की प्राण-रक्षा पहले की जाए। इसके लिए पहली आवश्यकता स्वयं जोखिम उठाने की थी। लक्ष्मीपति राजू ने यह जोखिम पूरी सावधानी के साथ उठाया। उन्होंने अपनी पत्नी व कुछ अन्य साथियों के साथ एक टीम बनाई और निकल पड़े नागरिकों को एक नए तरीके का जीवन जीने को प्रोत्साहित करने। लॉकडाउन की पूरी अवधि के दौरान उन्होंने सेक्टर-7 क्षेत्र के घर-घर जाकर लोगों को राशन, दवाएं व अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराईं। वार्ड क्रं. 65 व 66 (अब 66-67) के प्रत्येक परिवार को उन्होंने अपनी ओर से सेनिटाइजर, हैंडवाश, छोटी टॉवेल व मास्क आदि से युक्त 500 किट उपलब्ध कराए, ताकि लोग इस जानलेवा बीमारी लड़कर अपनी प्राणरक्षा कर सकें। इसके अलावा आवश्यकतानुसार वार्ड के अलग-अलग स्थानों पर कोरोना जांच के लिए शिविर लगाए गए। इस दौरान करीब 20 हजार लोगों की टीकाकरण उनके सार्थक प्रयासों के चलते हो पाया। प्रत्येक सड़कों का समय-समय पर सेनिटाइजेशन कराया गया, ताकि सेक्टर-7 का उनका परिवार इस भयावह महमारी से सुरक्षित रह सके।




