नई दिल्ली (एजेंसी)। ट्रिब्यूनल सुधार एक्ट और नियुक्तियों में हो रही देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा कि हमें लगता है कि केंद्र को शीर्ष अदालत के फैसलों का कोई सम्मान नहीं है अगर वह सम्मान करते तो इसे लागू करने के बजाए टालते नहीं। शीर्ष अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि आप हमारे धैर्य की परीक्षा मत लीजिए।
मुख्य न्यायाधीश ने सख्त टिप्पणी करते हुए केंद्र को ट्रिब्यूनलों में नियुक्ति के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है। साथ ही कहा कि आशा करता हूं कि सरकार नियुक्तियों का आदेश जारी करेगी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई को अगले हफ्ते (सोमवार) तक के लिए टाल दिया है। साथ ही अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी भी दी।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि सशस्त्र बलों के ट्रिब्यूनलों में भी पद खाली हैं, सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के पास आ रही हैं। केंद्र सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि केंद्र सदस्यों की नियुक्ति नहीं करके ट्रिब्यूनल को कमजोर कर रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार के पास तीन विकल्प हैं। पहला कि वह ट्रिब्यूनल सुधार एक्ट 2021 कानून पर रोक लगा दें। दूसरा कि ट्रिब्यूनलों को बंद कर दें। तीसरा कि सुप्रीम कोर्ट खुद ही ट्रिब्यूनलों में नियुक्ति करने का काम शुरू कर दें।

अवमानना की कार्यवाही चलाने को लेकर फटकार
साथ ही कहा कि ऐसा करने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाही शुरू करने पर भी विचार कर सकता है। सुनवाई करते हुए जस्टिस नागेश्वर रॉव ने कहा कि हम जिन ट्रिब्यूनलों की सिफारिशों पर चर्चा कर रहे हैं, वे इस सुधार विधेयक के अस्तित्व में आने से 2 साल पहले भेजे गए थे, लेकिन अबतक नियुक्ति नहीं हुई। वहीं, जस्टिस डीवीई चंद्रचूड ने कहा कि मेरे पास आईबीसी के बहुत मामले आ रहे हैं जो कि कॉरपोरेट के लिए बहुत जरूरी है।