भिलाई। अपने खिलाफ उठ रहे विरोध के स्वर दबाने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल न केवल कामयाब हुए हैं अपितु हाईकमान को वे यह समझाने में भी सफल हुए हैं कि छत्तीसगढ़ में उनके समकक्ष फिलहाल कोई नहीं है। हाईकमान की हरी झंडी मिलने के बाद तय हो गया है कि उनके नेतृत्व को कहीं कोई खतरा नहीं है। आज देर शाम तक मुख्यमंत्री श्री बघेल समेत सभी नेता रायपुर लौट रहे हैं। लेकिन पिछली बार की तरह इस बार कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं होगा। कार्यकर्ताओं को इसकी स्पष्ट हिदायत दी गई है। बावजूद इसके विमानतल पर भारी भीड़ उमडऩे की संभावना है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान के बीच भूपेश बघेल ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा से मुलाकात की और उन्हें मनाने में सफल हुए। अब उनके मुख्यमंत्री पद को किसी तरह का खतरा नहीं। शनिवार को रायपुर वापसी से पहले उन्होंने राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ आने का न्यौता भी दिया। जिससे राहुल ने स्वीकार भी कर लिया। भूपेश बघेल ने इससे पहले, कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा से साढ़े तीन घंटों तक बात की। सूत्रों के अनुसार पार्टी आलाकमान को मनाने में बघेल को सौ फीसदी सफलता मिली है। इसके बाद उनके मुख्यमंत्री पद से खतरा टल गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री और विधायकों के साथ अन्य नेता आज रायपुर लौट जाएंगे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में जारी विवादों के बीच कांग्रेस आलाकमान ने श्री बघेल को दिल्ली बुलाया था। सप्ताहभर के भीतर यह दूसरा अवसर था, जब उन्हें आनन-फानन में दिल्ली जाना पड़ा। इस तरह अचानक बुलाए जाने को लेकर श्री बघेल के समर्थकों के भी कान खड़े हो गए। नतीजतन 8 मंत्री, 44 विधायक, निगम-मंडलों के अध्यक्ष और 10 महापौर भी दिल्ली पहुंच गए। इसका अंदेशा हाईकमान को भी नहीं था। छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया को यह कहना पड़ गया कि आखिर मंत्रियों, विधायकों को यहां क्यों आना पड़ा। मुख्यमंत्री की ओर से इसकी सफाई दी गई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोरोना काल के चलते विधायक-मंत्री वरिष्ठ नेताओं से मिल नहीं पाए थे, इसलिए अब मिलने आए हैं। दिल्ली पहुंचे नेताओं ने भी अपनी दिल्ली दौड़ को शक्ति प्रदर्शन से न जोडऩे की बात कही। बहरहाल, इन नेताओं ने दिल्ली पहुंचने के बाद लगातार वरिष्ठ नेताओं से सम्पर्क बनाए रखा। बाद में एआईसीसी भवन में स्वयं राहुल गांधी ने उनसे मुलाकात की। कुल मिलाकर इस घटनाक्रम को अभयदान मिलने की बजाए समझाने में मिली कामयाबी कहना ज्यादा उपयुक्त होगा।

माहौल बदला तो खिले चेहरे
दिल्ली पहुंचे सीएम बघेल के समर्थकों के लिए शुक्रवार का सारा दिन तनावभरा था, लेकिन रात में माहौल खुशनुमा हो गया। नई दिल्ली के सफदरजंग इलाके में स्थित छत्तीसगढ़ सदन में विधायकों और मंत्रियों के ठहरने का इंतजाम किया गया था। पिछले कुछ दिनों में यह जगह दिल्ली में छत्तीसगढ़ की सियासत का मुख्य केंद्र बन गया था। लिहाजा मीडिया के लोगों का जमावड़ा भी था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का काफिला रवाना होने के दौरान उनसे बातचीत करने की होड़ में मीडियाकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हो गई। हालांकि जब तक मीडियाकर्मी अंदर आए, सीएम का काफिला रवाना हो गया।
भूपेश ने बता दिया, छग के ‘दाऊ’ वही हैं
करीब महीनेभर से जारी राजनीतिक उठापटक का अब अंत होता नजर आ रहा है। राज्य में शीर्ष नेतृत्व या कैबिनेट में बड़े बदलाव की जिन चर्चाओं के साथ छत्तीसगढ़ की पूरी सरकार दिल्ली पहुंची थी, वह मामला अब शांत होता दिख रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की सियासत में बता दिया कि असल में विधायक दल के नेता वही हैं। दिल्ली में दम दिखाने के बाद अब मुख्यमंत्री बघेल शनिवार को देर शाम रायपुर पहुंचेंगे। गुलाब कमरो, चिंतामणि महाराज, विनय जायसवाल, बृहस्पति सिंह, शकुंतला साहू, विकास उपाध्याय और देवेंद्र यादव जैसे छत्तीसगढ़ के 40 से भी अधिक विधायक दिनभर दिल्ली स्थित सक्रिय दिखे। इनके अलावा यूथ कांग्रेस के पदाधिकारी, अलग-अलग शहरों के महापौर, जिलों के जिला अध्यक्ष। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह, संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी, पर्यटन मंडल प्रमुख अटल श्रीवास्तव, रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे जैसे नेता भी नजर आ रहे थे।
पूरे दिन होती रही लामबंदी
कांग्रेस के मंत्री व विधायक शुक्रवार को सारा दिन यहां-वहां दौड़-भाग करते रहे। पीएल पुनिया से मुलाकात के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वेणुगोपाल से भी विधायक मिले। सभी ने राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा था, लेकिन यह मुमकिन नहीं हो पाया। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सभी विधायक अपने नेता राहुल गांधी से मिलना चाहते थे। चुनाव के बाद से राहुल गांधी का छत्तीसगढ़ आना नहीं हुआ था। अब राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ आने का न्यौता स्वीकारा है। सभी नेताओं से वो उनके क्षेत्र में जाकर मुलाकात करेंगे।
परिदृश्य से गायब रहे टीएस बाबा
शुक्रवार का पूरा दिन कयासों के बीच बीता। इस दौरान दिल्ली में मौजूद छत्तीसगढ़ कांग्रेस का प्रत्येक नेता सक्रिय नजर आया, किन्तु इस पूरे परिदृश्य में टीएस सिंहदेव कहीं नहीं दिखे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शाम के वक्त एआईसीसी दफ्तर पहुंचे। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस का लगभग हर बड़ा सियासी चेहरा यहां मौजूद था। इनमें मंत्री रविंद्र चौबे, अमरजीत भगत, शिवकुमार डहरिया, कवासी लखमा, मोहम्मद अकबर नजर आए। मगर दिल्ली में होने के बावजूद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव नजर नहीं आए।




