जम्मू (एजेंसी)। दिल्ली में सर्वदलीय बैठक के बाद श्रीनगर में नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात अच्छी रही। पार्टियों ने अपना पक्ष उनके सामने रखा है। उनकी ओर से यह पहला कदम था कि हम जम्मू-कश्मीर में बेहतर परिस्थितियों का निर्माण कैसे कर सकते हैं और एक राजनीतिक प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
वहीं उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमें वहां (पीएम की सर्वदलीय बैठक में) गठबंधन के तौर पर नहीं बुलाया गया था। अगर ऐसा होता तो गठबंधन से केवल एक व्यक्ति को आमंत्रित किया जाता। हालांकि हमने बैठक में ऐसा कुछ नहीं कहा जो गुपकार गठबंधन के एजेंडे से बाहर हो।
उमर ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ही नहीं बल्कि फारूक साहब ने यह भी कहा कि भाजपा को अनुच्छेद 370 को खत्म करने के अपने एजेंडे में कामयाब होने में 70 साल लग गए। हम अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे, भले ही हमें 70 सप्ताह या 70 महीने लग जाएं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए राजनीतिक, शांतिपूर्वक और संवैधानिक तरीके से हमें जो करना होगा, वह हम करेंगे। गुपकार गठबंधन के सदस्य दलों के नेताओं ने सर्वदलीय बैठक में 5 अगस्त 2019 को लिए गए निर्णय को स्वीकार नहीं किया है। हमने बैठक में बताया कि जम्मू-कश्मीर के लोग इस फैसले से नाराज हैं। हमने अपनी बात को साफ अल्फाजों में प्रधानमंत्री के सामने रखा है और उन्होंने हमारी बात सुनी।
अनुच्छेद 370 पर उमर बोले: हम अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे, भले ही 70 सप्ताह या 70 महीने लग जाएं
