रायपुर। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), रायपुर और यूनीसेफ छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में ‘कोविड-19 महामारी के उभरते रूझानों को समझनाÓ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबीनार में छत्तीसगढ़ में स्थित प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं ऑनलाइन मीडिया के संपादकों, वरिष्ठ पत्रकारों एवं संवाददाताओं सहित यूनीसेफ , विश्व स्वास्थ्य संगठन और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फील्ड अधिकारी इस वेबिनार में शामिल हुए। यूनीसेफ छत्तीसगढ़ के विशेषज्ञ चिकित्सक, डॉक्टर डॉ. श्रीधर और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञ चिकित्सक, डॉक्टर प्रनित कुमार फटाले ने वेबिनार को संबोधित किया।
वेबिनार को संबोधित करते हुए यूनीसेफ छत्तीसगढ़ के विशेषज्ञ चिकित्सक, डॉक्टर श्रीधर ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर काफी घातक है। दूसरी लहर में यूके और ब्राजी़ल वेरियेंट की वजह से से संक्रमण के लक्षणों में कुछ बदलाव आ रहा है। पहली लहर में जहां जुकाम के साथ-साथ बुखार, कफ आदि के लक्षण दिखाई देते थे, वहीं दूसरी लहर में आंख आना, कमजोरी और दस्त आदि के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में टेस्ट कराना आवश्यक हो जाता है।
डाक्टर श्रीधर ने कहा कि कोविड के मरीजों को तीन स्टेज- माइल्ड, मॉडरेट और सिवियर में बांट सकते हैं। माइल्ड और मॉडरेट मरीजों का इलाज घर पर किया जा सकता है, लेकिन सिवियर स्टेज के मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है । उन्होंने बताया कि यदि मरीज का ऑक्सीजन लेवल 94 या 94 से कम है तो तुरंत अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए। डॉक्टर श्रीधर ने कहा कि यदि एंटीजन टेस्ट निगेटिव हो और सिमटम्स कोरोना के हों, तो भी मरीज को आइसोलेट हो जाना चाहिए और पीसीआर टेस्ट कराना चाहिए। उन्होंने कोविड-19 के इलाज में प्रयोग की जाने वाली विधियों एवं दवाईयों की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञ चिकित्सक, डाक्टर प्रनित कुमार फटाले ने देश में उपलब्ध वैक्सीन और उसके प्रभावों की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि सभी पात्र लोगों को वैक्सीनेशन जरूर कराना चाहिए । लोगों का कहना है कि वैक्सीनेशन के बाद भी कोविड हो सकता है? तो जवाब है हां, वैक्सीनेशन के बाद भी कोविड हो सकता है, लेकिन मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्?योंकि मरीज को बहुत ही माइल्ड कोविड इन्फेक्शन ही होगा। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचने एक मात्र उपाय है- वैक्सीनेशन और कोविड उचित व्यवहार।
वेबिनार के प्रारम्भ में यूनीसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख, जॉब जकारियाह ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस वेबिनार से न केवल कोविड-19 महामारी के संबंध में विस्तृत जानकारी मिलेगी बल्कि इस संबंध में फैली भ्रांतियों का भी निराकरण होगा। इस मौके पर पत्र सूचना कार्यालय, रायपुर के अपर महानिदेशक, अभिषेक दयाल ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर को लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया। इसकी वजह से दूसरी लहर में यह महामारी बहुत घातक हो गई है। विशेषज्ञों और आम जनता के बीच में इस महामरी की जानकारी के संबंध में काफी अंतराल आ गया है। हमें इसी अंतराल को विशेषज्ञों से सुनकर भरना है और समस्या आने पर क्या करें और क्या न करें, इस पर विशेष ध्यान देना है। मीडिया एक पॉवरफूल माध्यम है, इसलिए हम सभी मीडिया कर्मियों का विशेष दायित्व है कि सही जानकारी लोगों तक पहुंचे ताकि समाज और वातावरण में सकारात्मक बदलाव आ सके। वेबिनार के दौरान प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों एवं जिज्ञासाओं का समाधान, विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया गया। वेबिनार का संचालन, यूनीसेफ छत्तीसगढ़ के संचार अधिकारी, श्याम सुधीर ने किया।