
भिलाई। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहे बीएम शाह हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में एक और मरीज को नया जीवन मिला है। तीन साल से कमर दर्द की परेशानी के कारण चलने फिरने में असमर्थ व्यक्ति को महज 24 घंटे में अपने पैरों पर खड़ा किया गया। बीएम शाह हॉस्पिटल के ब्रेन एवं स्पाइन सर्जन डॉ विवेक शर्मा ने इनका सफल ऑपरेशन किया जिससे 24 घंटे में ही व्यक्ति चलने लायक हो गया। लगभग दो सप्ताह की मॉनिटरिंग के बाद आखिरकर मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अस्पताल से निकलते हुए मरीज ने बीएम शाह हॉस्पिटल के डॉक्टरों का आभार जताया। वहीं अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ रूपेश अग्रवाल ने डॉ विवेक शर्मा सहित पूरी टीम के इस सफलता के लिए बधाई दी।
बीएम शाह हॉस्पिटल के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ अरुण मिश्रा ने बताया कि यह पूरा केस टी रविन्द्र बाबू का है। तीन साल पहले सब्जी लेने अपनी मोटरसाइकिल पर बाजार गए। सब्जी लेकर लौटते समय कुछ युवकों ने उनकी बाइक को पीछे से ठोकर मार दी। इससे वे गिर गए और उनके बैक बोन पर चोट आई। शुरुआत में सामान्य इलाज कराया लेकिन उनका दर्द बढ़ता गया। उन्हें पता चला कि उनकी नस दब गई है और इसके कारण चलने फिरने में दिक्कत होने लगी। कई डॉक्टरों से संपर्क करने के बाद भी राहत नहीं मिलने पर वे कुछ सप्ताह पूर्व बीएम शाह हॉस्पिटल पहुंचे। बीएम शाह हॉस्पिटल में उन्होंने ब्रेन एवं स्पाइन सर्जन डॉ विवेक शर्मा से इलाज शुरू कराया।
एक्स-रे व एमआरआई के बाद किया ऑपरेशन
डॉ विवेक शर्मा ने टी रविन्द्र बाबू की परेशानी जानने के बाद उनका एक्स-रे व एमआरआई कराया। जिससे पता चला कि उनकी रीड़ की हड्डी एक दूसरे के ऊपर नीचे खिसक गई है। इसके बाद डॉ विवेक शर्मा ने उनकी सर्जरी की। सर्जरी के दूसरे दिन ही टी रविन्द्र बाबू को चलाकर दिखाया गया। उनका दर्द पूरी तरह दूर हो चुका था। कुछ दिन अस्पताल में रखने के बाद अब उन्हें छुट्टी दे दी गई है। अस्पाताल में इलाज को लेकर टी रविन्द्र बाबू ने बताया कि उन्हें बीएम शाह अस्पताल में आने के बाद नया जीवन मिला। तीन साल से जिस दर्द के कारण चलना फिरना मुश्किल हो गया था वह दर्द ऑपरेशन के बाद पूरी तरह से ठीक हो गया। टी रविन्द्र बाबू ने इसके लिए डॉ विवेक शर्मा सहित बीएम शाह हॉस्पिटल की पूरी टीम का आभार जताया।
एल-4, एल-5 लेवल का लिस्थेसिस था मरीज को

टी रविन्द्र बाबू जब हमारे पास आए तो वे दर्द से काफी परेशान थे। वे पिछले तीन वर्षों से इस दर्द को झेल रहे थे लेकिन पिछले कुछ दिनों में उनका दर्द काफी बढ़ गया था। जब हमने उनका एक्स-रे व एमआरआई कराया तो पाया कि उन्हें एल-4, एल-5 लेवल का लिस्थेसिस था। यानि उनकी रीड़ की हड्डी एक दूसरे के ऊपर नीचे खिसक गई थी। हमने फौरन इसकी सर्जरी का निर्णय लिया। सर्जरी के दूसरे दिन ही रविन्द्र बाबू को दर्द से पूरी तरह से निजात मिल गई।
डॉ विवेक शर्मा, बे्रन एवं स्पाइन सर्जन
बीएम शाह हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर




