रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के अभिभाषण के साथ आज छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया। इस मौके पर उन्ळोंने राज्य सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सभी मोर्चों में हमारी सरकार खरी उतरी है। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि बीता साल अनेक चुनौतियों से भरा था, जैसे रोज कमाने-खाने वाले परिवारों का भोजन और आजीविका, कुपोषण से लड़ रहे परिवारों को निरंतर पोषण आहार प्रदाय, प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी और उनका पुनर्वास, कोरोना संक्रमण से बचाव और संक्रमित लोगों का उपचार, जनता का मनोबल बनाए रखने के इंतजाम, आर्थिक गतिविधियों की स्वाभाविक गति बनाए रखना, जन-जीवन को भय के भंवर से निकालकर सतर्कतापूर्वक जीवनयापन आदि। मुझे खुशी है कि इन सभी मोर्चों पर मेरी सरकार खरी उतरी है और प्रदेश कोरोना काल में भी अनेक क्षेत्रों में नई उपलब्धियां हासिल कर सका।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने एक बार फिर किसानों से किया गया वादा निभाया है। चुनौतियों के बीच सुधार और संकल्प के साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई। इस वर्ष सर्वाधिक 21 लाख 52 हजार 980 किसान पंजीकृत हुए थे, जिनमें से 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने अपना धान बेचा। इस प्रकार नई व्यवस्था और नए संकल्प से छत्तीसगढ़ 95.40 प्रतिशत किसानों का धान खरीदने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। धान खरीदी के हर पहलू पर एक नया कीर्तिमान बना है जैसे कुल पंजीकृत रकबा, कुल धान खरीदी का रकबा, कुल उपार्जित धान की मात्रा 92 लाख मीट्रिक टन को पार करना किसी चमत्कार से कम नहीं है। इन उपलब्धियों से न सिर्फ किसानों के जीवन में बल्कि पूरे प्रदेश में कृषि उत्पादन और खुशहाली का एक नया दौर शुरू हुआ है। राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान, गन्ना, मक्का सहित 14 फसलें लेने वाले किसानों को सीधी आर्थिक मदद देने का बीड़ा उठाया है। प्रथम वर्ष में तीन किस्तों में 4500 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खाते में डाल दी गई है, वहीं शेष लगभग 1200 करोड़ रुपए की अंतिम किस्त का भुगतान भी इसी वित्तीय वर्ष में कर दिया जाएगा।
केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ को मिले 11 विशिष्ट पुरस्कार प्रदत्त
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने पंचायत और ग्रामीण विकास की योजनाओं को तात्कालिक जरूरतों से जोड़ते हुए अनेक नवाचार किए, जिसके कारण भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को 11 विशिष्ट पुरस्कारों से नवाजा है। वर्ष 2019-20 में महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत स्वीकृत मानव दिवस के लेबर बजट का लक्ष्य शत्-प्रतिशत पूरा किया गया तथा वर्ष 2020-21 में भी 81 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया गया है, जो पुन: नए कीर्तिमान की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक है। महात्मा गांधी नरेगा में बीते 10 माह में श्रमिकों को अब तक 2 हजार 590 करोड़ रुपए का मजदूरी भुगतान किया गया। इस साल अब तक 2 लाख 17 हजार 291 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के साथ महात्मा गांधी नरेगा के अभिसरण से आंगनवाड़ी केन्द्रों, गौठानों, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट (टंकी), चारागाह, धान उपार्जन केन्द्रों में धान संग्रहण चबूतरे का निर्माण, नरवा का विकास आदि कार्य किए जा रहे हैं।
राज्यपाल के अभिभाषण की महत्वपूर्ण बातें
- 67 लाख से अधिक राशन कार्डधारी परिवारों को उनकी पात्रता अनुसार खाद्यान्न, शक्कर, नमक, केरोसीन का वितरण मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की लौ कोरोना काल में भी जलती रही
- 3 लाख 62 हजार से अधिक हितग्राहियों के साथ ही 51 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों के 24 लाख से अधिक हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट पोषण सामग्री का वितरण
- सरकार की प्रतिबद्धता से एक वर्ष में 99 हजार बच्चों को कुपोषण से तथा 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से मुक्ति मिली है।
- कृषि के अलावा सरकार ने लघु वनोपज खरीदी का 72.5 प्रतिशत हिस्सा खरीदकर छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर रहा।
- सरकार ने विभिन्न राष्ट्रीय योजनाओं तथा कार्यक्रमों का क्रियान्वयन पूरी लगन से किया है। 14 नगरीय निकायों ने भी राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त किए हैं।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में दो वर्षों की प्रगति उल्लेखनीय रही है। आगामी तीन वर्षों के लिए 5 हजार 600 किलोमीटर सड़कों तथा 26 पुलों के निर्माण की स्वीकृति।
- सरकार विमानन सेवाओं के माध्यम से भी कनेक्टीविटी के विस्तार में सफल हो रही है। बस्तर के बाद बिलासपुर से भी अंतरराज्यीय विमानन सेवा प्रारंभ होने से प्रदेश को बहुत लाभ मिलेगा।
- प्रशासनिक सेवाएं जनता के अधिक नजदीक ले जाने एक जिला, दो अनुविभाग एवं 24 नए तहसीलों का गठन
- सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे नवाचारों पर बल दिया जिससे संकट काल में भी बच्चों का नाता पढ़ाई से जुड़ा रहा।
- उच्च शिक्षा की सुविधाएं ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक पहुंचाने के लिए सरकार ने विभिन्न महाविद्यालयों में एक वर्ष में 4 हजार से अधिक सीटों की वृद्धि की है।
- कोरोना संकट के दौरान सभी जिलों में ‘डेडिकेटेड कोविड अस्पतालÓ विकसित किए गए ताकि लोगों को अपने गृह जिलों में ही उपचार की सुविधा मिल सके।
- मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाÓ के तहत बाजार की मांग एवं आधुनिक तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण
- सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए अनेक जनहितकारी योजनाएं संचालित की।
- सरकार ने 45 लाख 48 हजार ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति मान से पेयजल आपूर्ति वर्ष 2023 तक सुनिश्चित करने का लक्ष्य लिया।
- राज्यपाल ने कहा कि सिंचाई सहित विभिन्न जरूरतों के लिए जल संसाधनों का विकास करने हेतु बोधघाट परियोजना सहित 15 नई योजनाओं को प्राथमिकता दी
- सरकार ने सुराजी गांव योजना के तहत ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बारीÓ के संरक्षण और विकास की दिशा में जो कदम बढ़ाए।
- गांव-गांव में गौठानों के विकास और नवाचारी गतिविधियों का व्यापक असर जन-जीवन में हुआ है। ‘गोधन न्याय योजनाÓ अपने आप में एक अद्वितीय मिसाल बनी।
- सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में किए गए सुधार और उपलब्धियों को आम जनता को समर्पित करने की रणनीति अपनाई है।
- सरकार की नई औद्योगिक नीति में पिछड़े क्षेत्रों तथा नए अवसरों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
- प्रदेश की लोक आस्था के स्थलों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने की दिशा में ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथÓ के तहत 75 स्थानों में अधोसंरचना विकास के प्रयास किए जा रहे हैं।
- छत्तीसगढ़ में पुलिस बल व सुरक्षा बलों की आवश्यकताओं को देखते हुए अनेक कल्याणकारी निर्णय लिए।