नई दिल्ली (एजेंसी)। डीआरडीओ ने सोमवार को आकाश मिसाइल के नए संस्करण का सपफलतापूर्वक परीक्षण किया। ओडिशा स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से इसे दागा गया। इसे आकाश-एनजी यानी नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल नाम दिया गया है। यह सतह से हवा में मार करने में सक्षम है। इसे भारतीय वायुसेना के लिए खासतौर से बनाया गया है। सीमाओं पर तनाव व बढ़ते हवाई खतरों को देखते हुए आकाश-एनजी कारगर रहेगी।
डीआरडीओ ने बताया कि नई आकाश मिसाइल लक्ष्य पाने में अचूक रही। परीक्षण के दौरान यह सारी कसौटियों पर खरी उतरी। मिसाइल का कमांड कंट्रोल सिस्टम, एवियोनिक्स, एरोडायनैमिक सिस्टम सभी ने ठीक ढंग से काम किया।
उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडु ने मिसाइल तकनीक के मामले में भारत को आत्म-निर्भरता के करीब ले जाने के लिए सोमवार को डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्म-निर्भरता हासिल करना केवल सामरिक रूप से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय गौरव के लिहाज से भी जरूरी है। नायडु ने डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल परिसर में दो केन्द्रों का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि डीआरडीओ के मिसाइल विभाग के वैज्ञानिक अपनी विरासत को बरकरार रखे हुए हैं और उन्होंने नई पीढ़ी की मिसाइल प्रणाली विकसित की है।
डीआरडीओ को कामयाबी, नई आकाश मिसाइल का पहला परीक्षण सफल




