भिलाई। नगर निगम भिलाई के जोन क्रमांक 1 क्षेत्र अंतर्गत सूर्या ट्रेजर आइलैंड के स्व विवरणी की जांच निगमायुक्त ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम ने की थी। जांच में स्व विवरणी असत्य पाई गई और काफी अंतर पाया गया। जांच अनुसार अग्रिम कार्रवाई करते हुए निगम ने 29 लाख 86 हजार 749 रुपए का नोटिस भुगतान करने के लिए सूर्या ट्रेजर आईलैंड के प्रबंधक को भेजा है।
उल्लेखनीय है कि संपत्तिकर दाताओं के द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली स्व विवरणी उनके स्वयं के द्वारा भरकर प्रस्तुत की जाती है इसके आधार पर संपत्ति कर की राशि जमा की जाती है। निगम क्षेत्र में समय-समय पर स्व विवरणी का रेंडम जांच किया जाता है। 30 जुलाई 2020 को उपायुक्त तरुण पाल लहरें ने सूर्या मॉल के स्व विवरणी की सत्यता जांच करते हुए माप एवं गणना सहित प्रतिवेदन देने के लिए सहायक राजस्व अधिकारी शरद दुबे को पत्र प्रेषित किया था। भवन के पूरे मंजिलों का स्वीकृत मानचित्र के आधार पर सत्यापन करने के बाद स्व विवरणी के राशि की गणना की सत्यता जांच मौके पर पहुंचकर निगम की टीम ने की थी। स्व विवरणी में अंतर पाए जाने के बाद अब राशि के भुगतान के लिए निगम ने सूर्या मॉल को नोटिस भेज दिया है।
राशि भुगतान नहीं करने पर कुर्की की कार्रवाई करेगा निगम
भुगतान की राशि जमा करने के लिए नोटिस देने के बाद भी यदि निर्धारित समय अवधि में सूर्या मॉल प्रबंधन द्वारा भुगतान नहीं किया जाता है तो नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा 175 के अधीन बकाया राशि की वसूली कुर्की के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए जोन आयुक्त जोन क्रमांक 1 सुनील अग्रहरी ने प्रबंधन को नोटिस दिया है।
परीक्षण में पाया गया अंतर
स्व विवरणी की जांच में अंतर पाए जाने के बाद अब प्रतिवर्ष अतिरिक्त रूप से 489631.00 रुपए की राशि का भुगतान सूर्या ट्रेजर आईलैंड को करना होगा! जांच में बेसमेंट, लेंटर की छत, सीमेंट की चादर, टाइल्स, सभी तलों का निरीक्षण किया गया। और सूर्या मॉल द्वारा प्रस्तुत की गई स्व विवरणी की राशि में 489631.00 का अंतर पाया गया। पहले सूर्या ट्रेजर आईलैंड द्वारा संपत्ति कर की राशि 4199753.00 दी जाती रही है परंतु अब अंतर की राशि के साथ प्रतिवर्ष 4689384.00 देना होगा। अंतर की राशि की 5 गुना 2448155.00 राशि भी प्रबंधन को जमा करना होगा। इसके साथ ही शिक्षा उपकर अंतर की राशि 48963.00 देना होगा! इस प्रकार कुल 2986749.00 का भुगतान निगम को सूर्या मॉल प्रबंधन द्वारा करना होगा! अन्यथा निगम द्वारा अधिनियम की धारा 175 के तहत कुर्की की कार्यवाही की जाएगी।