नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी ऋण देने वाली संस्थाओं को हाल ही में घोषित ब्याज माफी योजना के प्रावधानों को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर कहा है कि निर्धारित समय के भीतर आवश्यक कदम उठाए जाएं। ऋणदाताओं में बैंक, सहकारी बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और माइक्रोफाइनेंस संस्थान शामिल हैं।
दरअसल, हाल ही में केंद्र सरकार ने लोन के ब्याज पर ब्याज माफी संबंधी दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी थी। जिन कर्जदारों के ऊपर 29 फरवरी 2020 तक कुल ऋण दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं था, वे सभी योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र होंगे। यानी यह राहत सभी कर्जदारों को मिलेगी, चाहे उन्होंने किस्त भुगतान से छह महीने की दी गई छूट का लाभ उठाया हो, या नहीं। जिन ग्राहकों ने मोरेटोरियम का लाभ नहीं उठाया था, उन्हें भी बैंक से कैशबैक मिलेगा। इस योजना के तहत आवास ऋण, शिक्षा ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, वाहन कर्ज और रूस्रूश्व के लिए लिया गया कर्ज और खपत के लिए लिया ऋण कवर होगा। दो करोड़ रुपये तक के ऋण वाले छोटे व्यवसायों और व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को यह भुगतान किया जाएगा।
5 नवंबर 2020 तक भुगतान करने का निर्देश
केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि ऋणदाताओं को पात्र उधारकर्ताओं के खातों में पांच नवंबर 2020 तक भुगतान करने के लिए निर्देशित किया गया है। आसान भाषा में समझें, तो कर्ज पर छह महीने (मार्च से अगस्त तक) के लिए दी गई मोहलत के दौरान संचयी ब्याज यानी ब्याज पर ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर राशि का भुगतान करने के लिए कदम उठाने को कहा गया है। यह सुविधा ग्राहकों को तभी मिलेगी जब कर्ज की किस्त का भुगतान फरवरी के अंत तक होता रहा हो यानी संबंधित अकाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) नहीं हो। उधारकर्ताओं को यह लाभ इसलिए दिया जा रहा है ताकि कोरोना काल में लोगों पर जो वित्तीय संकट मंडराया है, उसे कम किया जा सके और त्योहारों के दौरान किसी को कोई दिक्कत न हो।