थायरॉइड से ग्रसित मरीजों को अपनी डायट में किन चीजों को शामिल करना चाहिए ताकि प्राकृतिक रूप से वह अपनी बीमारी को नियंत्रित कर सके? इस प्रश्न का उत्तर और थायरॉइड के बारे में अन्य जरूरी जानकारी दे रही हैं मेडेयॉर हॉस्पिटल की डॉक्टर उपाली नंदा…
थायरॉइड क्या है और क्यों होता है?
थायरॉइड एक हॉर्मोन जनित बीमारी है। थायरॉइड ग्लैंड हमारे शरीर के मेटाबॉलिज़म को कंट्रोल करती है। हमारा मेटाबॉलिज़म धीमी गति से काम करेगा या सामान्य गति से यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारी थायरॉइड ग्लैंड से निकलनेवाले हॉर्मोन की स्थिति क्या है। यह बीमारी मुख्य रूप से आयोडीन की कमी के कारण होती है। इसके साथ ही शरीर में जरूरी पोषक तत्वों का अभाव जैसे जिंक, सेलेनियम, फॉस्फोरस और विटमिन्स की कमी के कारण भी इस बीमारी की होने की आशंका बढ़ती है। क्योंकि इन जरूरी न्यूट्रिऐंट्स की कमी के कारण यह रोग ट्रिगर हो सकता है। कुछ मामलों में अनुवांशिकता भी इस बीमारी की वजह हो सकती है।
दो तरह की होती है थायरॉइड की बीमारी
थायरॉइड की समस्या मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। पहला प्रकार वह होता है, जिसमें थायरॉइड ग्लैंड द्वारा हॉर्मोन का उत्पादन कम होता है और इस स्थिति को हाइपोथायरॉइडिज़म कहा जाता है।
जबकि दूसरे प्रकार को हाइपर थायरॉइडिज़म कहा जाता है, इस स्थिति में थायरॉइड ग्लैंड में हॉर्मोन का उत्पादन अधिक होता है। थायरॉइड की समस्या से ग्रसित लोगों में हाइपोथायरॉइडिज़म के मरीज ही अधिक देखे जाते हैं।
हाइपोथायरॉइडिज़म के लक्षण
हाइपोथायरॉइडिज़म के मरीजों में कुछ लक्षण बहुत सामान्य होते हैं। इनमें वजन बढऩा, तेजी से बाल गिरना, हर समय थकान रहना इत्यादि शामिल हैं। किसी समय में इस बीमारी को केवल महिलाओं की बीमारी ही समझा जाता था। क्योंकि यह समस्या मुख्य रूप से महिलाओं में देखने को मिलती है। थायरॉइड से पीडि़त महिलाओं में पीरियड्स संबंधी समस्याएं होना बहुत ही सामान्य समस्या है। हालांकि अब पुरुषों के बीच भी थायरॉइड की बीमारी तेजी से पैर पसार रही है।
डायट से कंट्रोल करें थायरॉइड
डॉक्टर उपाली कहती हैं कि सिर्फ डायट के जरिए थायरॉइड की समस्या के दूर नहीं किया जा सकता है। इसके साथ में दवाओं का सेवन जरूरी है। लेकिन आपकी बीमारी को नियंत्रित करने में आपकी डायट बहुत बड़ा रोल निभाती है। यहां जानें, थायरॉइड के मरीजों को किन चीजों का सेवन जरूर करना चाहिए…
हरी फलियां खाएं
हमारे देश में हर मौसम में अलग-अलग तरह की हरी फलियां उपलब्ध रहती हैं। इनको सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है। थायरॉइड के मरीजों को हरी फलियों का नियमित सेवन करना चाहिए।
हरी फलियां विटमिन, मिनरल्स और शरीर के लिए जरूरी सभी तरह के न्यूट्रिऐंट्स से भरपूर होती हैं। इस कारण ये थायरॉइड ग्लैंड में हॉर्मोन के संतुलन को बनाए रखने का काम बहुत सहजता से कर पाती हैं।
आयोडाइज्ड सॉल्ट का उपयोग करें
आपको अपने भोजन में हमेशा ही आयोडीन युक्त नमक का सेवन करना चाहिए। आयोडीन शरीर में हॉर्मोनल बैलंस बनाने और रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। इससे शारीरिक और मानसिक थकान को दूर करने में सहायता मिलती है।
आयोडीन का नियमित सेवन करने से आपके शरीर में थायरॉइड हॉर्मोन का उत्पादन संतुलित मात्रा में होता है और आप इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित करने में सफल रहते हैं।
जिंक और सेलेनियम युक्त फूड
थायरॉइड के मरीजों को जिंक और सेलेनियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अवश्य करना चाहिए। क्योंकि ये दोनों ही तत्व थायरॉइड की समस्या को नियंत्रित करने का काम करते हैं। इनकी प्राप्ति के लिए आप योगर्ट, मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें।
जिंक और सेलेनियम की कमी को दूर करने के लिए आपको अपनी डायट में अंडा, साबुत अनाज, दालें, राजमा, देसी चना, काबुली चना, अलसी के बीज, ओएस्टर (एक सी-फूड) जैसी चीजों को शामिल करना चाहिए।
जांच से जुड़ी बात
डॉक्टर उपाली का कहना है कि थायरॉइड एक ऐसी बीमारी है, जो जीवनभर पीछा नहीं छोड़ती है। इसको नियंत्रित रखने के लिए ताउम्र दवाओं का सेवन करना होता है।
कई लोग रोज दवाई खाने से बचने के लिए दवाओं को बीच में ही बंद कर देते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। दवाई से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने के लिए आपको अपने डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए।
इसके साथ ही हर 6 महीने में आपको अपनी थायरॉइड जांच करानी चाहिए। ताकि आपकी शारीरिक स्थिति के आधार पर इस बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सके।
कुछ चीजों से बचना है
जो लोग पहले से थॉयराइड की समस्या से ग्रसित हैं और दवाएं ले रहे हैं। उन्हें अपनी डायट में इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि वे सोया बेस्ड फूड, कैल्शियम सप्लिमेंट्स या एंटासिड इत्यादि का सेवन थायरॉइड की दवाई लेने के तुरंत बाद ना करें। थायरॉइड की दवाई का सेवन सुबह के समय और खाली पेट किया जाता है। दवाई लेने के बाद यदि आप सोया फूड, कैल्शियम रिच डायट या एंटासिड युक्त किसी दवा का सेवन करना चाहते हैं तो इन्हें थायरॉइड की दवाई के कम से कम 3 से 4 घंटे बाद लें।
डॉक्टर उपाली का कहना है कि सोया बेस्ड फूड, कैल्शियम और एंटासिड कुछ ऐसे एलिमेंट्स हैं जो थायरॉइड की दवाई को शरीर द्वारा पूरी तरह अवशोषित करने की प्रक्रिया को बाधिक करते हैं। इससे आपको दवा का पूरा लाभ मिलने में दिक्कत होती है।