पटना (एजेंसी)। बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार एनडीए बनाम महागठबंधन का मुकाबला दिलचस्प होता दिख रहा है। महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव की सभा में भीड़ की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। राजद नेताओं के लिए ये तस्वीरें बदलाव की बयार है तो दूसरी ओर एनडीए के नेताओं के लिए यह बुलाई गई भीड़ मात्र है। तेजस्वी मंगलवार को भोजपुर जिले की अगिआंव विधानसभा में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने महागठबंधन (भाकपा माले) के प्रत्याशी मनोज मंजिल के लिए वोट मांगे। सुबह के 11 बजे हैं और चारों तरफ नारों की गूंज- इस बार तेज रफ्तार, तेजस्वी सरकार। सभा में कोरोना का कोई डर नहीं, न ही निर्धारित दिशानिर्देश का ध्यान। सभा में भीड़ देख तेजस्वी यादव गदगद नजर आए। लोगों से खचाखच भरा पूरा मैदान पार्टी के झंडों से रंगा नजर आ रहा था। सभा में आए लोगों का उत्साह भी देखते ही बन रहा था। मंच के सामने से हर युवा तेजस्वी को अपने मोबाइल में कैद करना चाहता था।
भीड़ से उत्साहित तेजस्वी मंगलवार की शाम ट्वीट करते हैं- महागठबंधन की सभाओं में उमड़ रहा जनसैलाब लोगों के लिए भीड़ हो सकती है, लेकिन मेरे लिए यह करोड़ों बिहारवासियों की आकांक्षाएं, सपने और उम्मीदें हैं, जिन्हें हमें पूरा करना है। तो क्या ये भीड़ सचमुच बदलाव चाहती है? सभा में मौजूद 35 साल के युवा शैलेंद्र से जब पूछा तो जवाब मिला- इस बार तेजस्वी तय है। क्यों और कैसे पूछने पर बोले- चिराग पासवान और भाकपा माले की वजह से। शैलेंद्र बोलना जारी रखते हैं- चिराग पासवान के कारण भाजपा के वोटर कंफ्यूज है। वे नीतीश कुमार को वोट नहीं करना चाहते। भाजपा भी नीतीश कुमार को इस बार मजा चखाना चाहती है। …और भाकपा माले से गठबंधन हो जाने के कारण शहाबाद और मगध प्रमंडल में महागठबंधन की जीत तय है। क्योंकि यहां भाकपा माले का गढ़ रहा है। शैलेंद्र बताते हैं कि अगर भाजपा चिराग को शांत कर दे तो महागठबंधन की जीत पर खतरा मंडरा सकता है। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। महागठबंधन के लिए यह अच्छे संकेत हैं।
एक मौका मांगते हैं तेजस्वी, कहते हैं- हम ठेठ बिहारी हैं
एक मौका मांगते हैं तेजस्वी, कहते हैं- हम ठेठ बिहारी हैं
तेजस्वी अपने संबोधन में 10 नवंबर को आनेवाले चुनाव परिणाम में नीतीश कुमार की विदाई तय होने की बात कहते हैं। नारों की गूंज के बीच कहते हैं- “हम ठेठ बिहारी हैं। हम पकाऊ और बिकाऊ भाषण नहीं देंगे। बिहार में न कारखाना लगा, न गरीबी मिटा न पलायन रुका। 15 साल में ये सब नहीं हुआ तो पांच साल में ये क्या करेंगे। हम सिर्फ एक मौका मांग रहे हैं।”

लड़े के बा, करे के बा और जीते के बा
पूरे भाषण में तेजस्वी ने एक बार भी लोजपा और चिराग का जिक्र नहीं किया। अंत में कहा, “10 नवबंर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विदाई कर देनी है। क्योंकि अब तीर का जमाना नहीं, मिसाइल का जमाना है। अरे लड़े के बा, करे के बा और जीते के बा। चाचा को आराम कराइए और भाजपा को भगाइए।” इसके बाद मंच पर मौजूद महागठबंधन प्रत्याशी को माला पहनाते हैं और सभा समाप्त हो जाती है।




