हृदय रोग से बचाव जैसे, हार्ट स्ट्रोक और हार्ट अटैक के खतरों को कम करने और कार्डियोवस्कुलर डिजीज से सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है कि आप अपने हृदय की जरूरतों के प्रति जागरूक रहें। इस बात की जरूरत सबसे अधिक उन लोगों को होती है जो सिटिंग जॉब में होते हैं। क्योंकि लगातार कई घंटे एक ही जगह पर बैठे रहने से दिल की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है…
इस समय कोविड-19 के दौर में दिल को स्वस्थ रखना और भी जरूरी हो गया है। क्योंकि दिल अगर जरा-सा कमजोर हुआ तो कोरोना वायरस को आपके शरीर पर हावी होने का अवसर मिल जाएगा। यहां जानें, सिटिंग जॉब के साथ आप अपने हार्ट को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं…
युवाओं में बढ़ रहा है हार्ट अटैक
आपको यह बात हैरान कर सकती है कि एक समय 55 प्लस की उम्र में होनेवाली कार्डियोवस्कुलर डिजीज आजकर 25 साल के युवाओं को भी अपनी चपेट में लेने लगी हैं। इतना ही नहीं हमारे देश में हार्ट अटैक के कुल मामलों में आधी संख्या उन लोगों की है, जिनकी उम्र 50 से कम है।
इस आधी संख्या में भी 25 प्रतिशत लोग वो हैं जिनकी उम्र 40 साल से भी कम है। इन आंकड़ों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दिल की बीमारियां कितनी तेजी से हमारे समाज को बीमार बना रही हैं। खासतौर पर हमारे युवाओं को।
सिटिंग जॉब वाले कैसे बचें हार्ट अटैक से
अपने दैनिक जीवन में कुछ चुनिंदा बातों का ध्यान रखकर कई घंटों तक एक ही स्थान पर बैठकर काम करनेवाले लोग हार्ट को हेल्दी रख सकते हैं। इसके लिए आपको जो चीजें जानने की जरूरत है, उनके बारे में यहां बताया जा रहा है. कार्डियोवस्कुलर रोगों को हराने के लिए वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के कैंपेन से जुड़ी ऑफिसर अंजलि मल्होत्रा कुछ खास तरीके बता रही हैं, जो बेहद आसान भी हैं…
सूक्ष्म व्यायाम करें
घंटों की सिटिंग जॉब और लॉकडाउन के कारण डेली रूटीन में फिजिकल ऐक्टिविटीज करना संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में आप उन सूक्ष्म व्यायाम के बारे में अपनी जानकारी बढ़ाएं, जिन्हें आप काम के दौरान ही 2 से 3 मिनट का समय निकालकर बीच-बीच में कर सकें।
ये सूक्ष्म व्यायाम आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन का सही स्तर बनाए रखने में सहायता करते हैं। इससे आपके हृदय की पंपिंग प्रक्रिया बाधित नहीं होती है और पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से बना रहता है।
भोजन में जरूरी हैं कुछ बदलाव
सीटिंग जॉब वालों को अपनी डायट में कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे, कम मसालों का सेवन करें
यानी आपका भोजन बहुत अधिक स्पाइसी नहीं होना चाहिए।
भोजन में डीप फ्राइड चीजों का उपयोग कम करें इनके स्थान पर फ्रूट सलाद, सब्जियों की सलाद, ड्राई फ्रूट्स और उबली हुई सब्जियों को शामिल करें।
डिब्बाबंद फूड और पैक्ड रेडी टु ईट फूड्स से जितना हो सके दूर रहें। क्योंकि इनमें प्रिजर्वेटिव्स की भारी मात्रा होती है, साथ ही फैट भी अधिक होता है।
पर्याप्त नींद लें
नींद लेना हमारी आंखों की सेहत के लिए ही नहीं बल्कि हमारे ब्रेन, हार्ट और पूरे शरीर की सेहत के लिए जरूरी है। क्योंकि जब हम सो रहे होते हैं तो हमारा शरीर डैमेज हुई सेल्स की रिपेयरिंग कर रहा होता है। ऐसे में जो लोग 7 से 8 घंटे की पूरी नींद नहीं लेते हैं, उनके शरीर में आंतरिक कमजोरी और बीमारियां पनपने की आशंका अधिक रहती है।
खुश रहना है जरूरी
खुश रहने के लिए जरूरी है कि आप तनाव मुक्त रहें। क्योंकि हमारे दिल और दिमाग की ज्यादातर बीमारियों की वजह तनाव होता है। जिन परिस्थितियों को आप अपने अनुसार ढाल नहीं पा रहे हैं, बेहतर होगा कि आप उनके अनुसार खुद ढल जाएं। शांति और खुशहाली से जीवन जीने की यह एक कुंजी है। वैसे भी बेहतर है कि हम सभी एक स्वस्थ जिंदगी जी पाएं, जो खुशियों से भरी हो। क्योंकि तनावपूर्ण जिंदगी कितनी भी लंबी क्यों ना हो बोझिल ही होती है और कोई खुशी नहीं देती।