भिलाई। लोन मोरेटोरियम की अवधि खत्म होने के बाद जिन लोगों ने इस सुविधा का लाभ लिया था वे अब परेशान दिख रहे हैं। दरअसल फाइनेंस कंपनियां मोरेटोरियम सुविधा लेने वाले उपभोक्ताओं को अब जो किश्त का मैसेज भेज रही हैं वह काफी ज्यादा है। पूर्व में जो किश्त की राशि थी कंपनियां उसमें अब चक्रवृद्धि ब्याज भी जोड़ रही हैं। इससे किस्त पर लगभग 10 फीसदी का अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
बता दें कि कोरोना संकट को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों व फाइनेंस कंपनियों ने लोन लेने वाले लोगों के लिए राहत देते हुए लोन मोरेटोरियम की सुविधा शुरू की थी। इस सुविधा के शुरू होने के बाद लोगों को लग रहा था कि उन्हें काफी राहत मिलेगी। लोगों ने अपनी सुविधानुसार लोन मोरेटोरियम की सुविधा भी ली लेकिन अब जब लोन मोरेटोरियम की अवधि खत्म हो गई है तो लोगों की परेशानी बढ़ गई है। फाइनेंस कंपनियां अब जो किश्त का मैसेज भेज रही हैं वह राशि काफी ज्यादा है।
17000 की किश्त हो गई 18800 की
फाइनेंस कंपनियां मोरेटोरियम की आड़ में उपभोक्ताओं का लंबा चूना लगा रही है। एक उपभोक्ता की पुरानी किश्त 17000 रुपए की है और उसने मोरेटोरियम की सुविधा ली थी। मोरेटोरियम की अवधि खत्म होने के बाद अब वहीं किश्त सीधे 18800 के करीब हो गई है। यानि कंपनी ने किश्त में सीधे 10 फीसदी से अधिक की बढ़ोत्तरी कर दी है। यह किसी एक उपभोक्ता की बात नहीं है बल्कि यह उन सभी के साथ हो रहा है जिसने लोन मोरेटोरियम की सुविधा ली थी।





