दुर्ग। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में अधिकारियों की विशेष बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि आयु बढऩे से सामान्य तौर पर प्रतिरोधक क्षमता घटती है। इसके साथ ही गंभीर बीमारियां हों तो कोविड जैसे रोग में विषम स्थिति पैदा हो जाती है। यदि आरंभ से पचास वर्ष से अधिक आयु वाले कोरोना लक्षण वाले नागरिकों का चिन्हांकन कर लिया जाए तो तुरंत टेस्ट कर इलाज आरंभ किया जा सकता है जिससे भविष्य में लक्षण और बढऩे की आशंका न्यूनतम रह जाएगी और आसानी से जान बचाई जा सकेगी।
कलेक्टर ने कहा कि इस संबंध में व्यापक प्रचार अभियान चलाया जाए, जनप्रतिनिधियों की भी मदद ली जाए। सर्वे टीम इस संबंध में विशेष रूप से भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि कभी कभी किसी बुजुर्ग नागरिक के मन में यह शंका हो सकती है कि वे तो घर से निकले ही नहीं, फिर उन्हें कोविड नहीं होगा। उनके जो लक्षण हैं वो सामान्य बुखार के हैं। ऐसा नहीं है यह कोविड के लक्षण भी हो सकते हैं क्योंकि कभी कभी घर के दूसरे सदस्य बिना लक्षणों वाले होते हैं और वे वाहक बन जाते हैं। इसलिए सर्दी बुखार, खराश या कोविड के अन्य लक्षण नजर आ रहें हों तो जरूर टेस्ट कराएं।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि टेस्टिंग के लिए लगी टीम की संभावनाओं का पूरी तरह से उपयोग करना है। यह टीमें जितनी सक्रियता से कार्य करेंगी, तेजी से कार्य करेंगी, टेस्टिंग की रफ्तार उतनी ही तेजी से बढ़ेगी। इस प्रक्रिया में समय घटने से लोग भी अधिकाधिक संख्या में टेस्टिंग के लिए उत्साहित होंगे। कलेक्टर ने कहा कि मरीज के पाजिटिव आते ही उसे मेडिकल किट उपलब्ध करा दिया जाए। डाक्टर की अनुशंसा और मरीज की अंडरटेकिंग प्राप्त होते ही मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध करा दी जाए। कलेक्टर ने कहा कि रिस्पांस टाइम बेहतरीन होना चाहिए। कोरोना से जुड़े मामलों में हम जितनी तेजी से पहल करते हैं स्थिति ठीक करने की गुंजाइश उतनी ही बेहतर हो जाती है।
इस मौके पर कलेक्टर ने कोविड केयर सेंटर की स्थिति की मानिटरिंग भी की। उन्होंने कहा कि कंचादुर एवं शंकराचार्य कोविड केयर सेंटर दोनों ही जगहों पर अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए भोजन की और साफसफाई की व्यवस्था की नियमित मानिटरिंग करें। काल सेंटर से जो फीडबैक आ रहे हैं उनके मुताबिक भी चीजों को बेहतर करने की कोशिश करें। कोविड कंट्रोल सेंटर में आने वाले फोन काल पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आइसोलेशन में रह रहे सभी लोगों के घरों में स्टिकर अनिवार्य रूप से जरूरी हैं। इसके साथ यह भी मानिटरिंग जरूरी हैं कि वे घर से नहीं निकले। उन्हें आवश्यक मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराएं। ग्रासरी आदि की जरूरतों के लिए पड़ोसियों से भी आग्रह करें कि उनकी मदद करें ताकि संक्रमण न फैले।