भिलाई। कचांदुर स्थित कोविड सेंटर में इन दिनों यहां के मरीज गंदगी से काफी परेशान हैं। वार्डों में टायलेट गंदे होने के साथ ही कमोड टूट फूट गए हैं जिससे यहां के मरीजों को काफी दिक्कतोंं का सामना करना पड़ रहा है। कोविड सेंटर में खाने की गुणवत्ता पर तो ध्यान दिया जा रहा है लेकिन वार्डों की सफाई व टॉयलेट की गंदगी पर किसी का ध्यान नहीं है। रही डॉक्टरी परीक्षण की तो सुबह एक बार डॉक्टर का आगमन होता है उसके बाद मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है।
बता दें कि कचांदुर स्थित चंदुलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए नि:शुल्क कोविड सेंटर बनाया गया हैं। यहां जिले के कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जा रहा है। कोविड सेंटर में मरीज वार्डों की गंदगी से परेशान हैं। यहां के कुछ मरीजों ने वार्डों में सफाई व टॉयलेट की गंदगी को लेकर शिकायत की है। मरीजों का कहना है कि यहां भोजन की व्यवस्था काफी अच्छी की गई है। सुबह के नास्ते से लेकर दोपहर व रात का खाना बेहतर आता है लेकिन टॉयलेट की सफाई करने के लिए सफाई कर्मी नहीं आ रहे हैं। यही नहीं टॉयलेट के कमोड तक टूट गए हैं।
एक टॉयलेट का इस्तेमाल कर रहे 30 से 40 मरीज
कचांदुर स्थित कोविड सेंटर में एक टॉयलेट का इस्तेमाल 30 से 40 मरीज कर रहें हैं। कोरोना मरीजों को अलग अलग टॉयलेट इस्तेमाल किए जाने का निर्देश है लेकिन यहां एक वार्ड में केवल दो टॉयलेट हैं और वे भी गंदे और टूटे फूटे। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसे टॉयलेट का उपयोग कर मरीज स्वस्थ्य होंगे या और ज्यादा बीमार पड़ेंगे। आज की कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे व एसपी प्रशांत ठाकुर ने कोविड सेंटर का औचक निरीक्षण भी किया और भोजन की गुणवत्ता जांचने कोरोना मरीजों को दिया जाने वाला खाना भी खाया और संतुष्ठि जताई। साथ ही सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए। इस दौरान महापौर भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव व आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी भी मौजूद रहे। अब देखना यह है कि कलेक्टर के निर्देशका कितना असर होता है।