मेयर देवेंद्र यादव की सीएम को शिकायत के बाद आरटीओ अफसर ने बीएसपी से मांगा जवाब

भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट के अंदर चल रहे अनफिट और कंडम वाहनों की जांच होगी। इसके लिए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने जांच के लिए बीएसपी प्रबंधन को पत्र लिखा है और जवाब मांगा है। अब ऐसे लग रहा है कि जल्द ही बीएसपी में सालों से चल रहे इस भ्रष्टाचार का जल्द ही खात्मा होने वाला है और सरकार को नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारियों पर भी बड़ी कार्यवाही होने की भी संभावना नजर आ रही।
आरटीओ दुर्ग ने पत्र में कहा है कि बीएसपी के अंदर स्वयं संयंत्र के वाहनों के साथ-साथ विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से भारी माल वाहन व अन्य भारी वाहन संचालित हो रहे हैं। इन वाहनों में दस्तावेज, फिटनेस और बिना पंजीयन के कई वाहन संचालित होने के कारण राज्य शासन को राजस्व की बड़ी हानि की शिकायत लगातार प्राप्त हो रही है। इसके लिए प्रवर्तन टीम द्वारा जांच के लिए पूर्व में जनवरी और फरवरी 2020 में संयंत्र के अंदर जाने का प्रयास किया गया परन्तु प्रबंधन द्वारा अनुमति नहीं दी गई। इसलिए जांच नहीं हो पाई। अभी दोबारा शिकायत मिली है जिसकी जांच होनी है। इसलिए प्रवेश की अनुमति दे।
विधायक व महापौर देवेन्द्र यादव ने की थी शिकायत
गौरतलब है कि भिलाई नगर विधायक व मेयर देवेंद्र यादव ने 27 जुलाई को बीएसपी में चल रहे कंडम वाहनों और बिना परमिट आदि के बिना चल रहे गैर कानूनी कार्य करने वालों के खिलाफ सीएम को पत्र लिख कर शिकायत की थी। देवेंद्र ने सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखकर कहा कि भिलाई इस्पात संयत्र में अधिकारियों की सांठगांठ से निजी वाहन व सैकड़ों कंडम वाहन चल रहे हैं। इनमें ट्रेवल एजेंसी द्वारा अधिकारियों की सेवा में लगाए गए वाहनों से लेकर भारी वाहन भी शामिल हैं। संयंत्र में ऐसे कई वाहन चल रहे हैं जिनकी न तो फिटनेस सही है और न ही वे मानकों पर खरे उतरते हैं। केवल अधिकारियों की मिलीभगत से इन वाहनों का संचालन हो रहा है। विधायक देवेन्द्र ने सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखकर ऐसे अधिकारियों व कड़ी कार्रवाई की मांग की है। विधायक देवेन्द्र ने पत्र में लिखा है कि वाहनों का परमिट व पंजीयन शुल्क राज्य सरकार को नहीं मिल पा रहा है। जिससे सरकार को वर्षों से राजस्व की हानि हो रही है।विधायक व महापौर देवेन्द्र यादव ने पत्र के माध्यम से सीएम भूपेश बघेल से कहा है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में चल रहे वाहनों की जांच कराई जाए। राजस्व हानि को लेकर स्थानीय प्रशासन से जांच कराने के बाद संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।





