नई दिल्ली (एजेंसी)। उधर फ्रांस से राफेल ने भारत के लिए उड़ान भरी और इधर राजनीति को भी पंख लग गए। पूर्व गृहमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इसका स्वागत करते हुए राफेल खरीदने का श्रेय यूपीए सरकार के सिर बांधा।
उनके बयान के बाद एक बार फिर राफेल की राजनीति ने विवाद के रनवे से उड़ान भर ली। भाजपा तुरंत पलटवार पर उतर आई। पार्टी का कहना है कि इसी राफेल को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भ्रष्टाचार कहा था। इसे मुद्दा बनाकर लोकसभा चुनाव लड़ा गया था। हर रैली में राफेल के कटआउट लहराए जाते थे और कहा जा रहा था कि सूटबूट की सरकार ने गरीबों का पैसा अमीरों की जेब में डाल दिया है।
दूसरी ओर गर्व की बात यह है कि भारतीय वायुसेना चौथी पीढ़ी के स्टेल्थ लड़ाकू विमान से सुसज्जित हो गई है। वो भी ऐसे समय जब हमारे पड़ोसी अपनी हदें लांघने पर उतारू हैं। चीन लगातार सीमा पर नियमों का अपमान कर रहा है।
वहीं हमसाया मुल्क पाकिस्तान हर बार मुंह की खाने के बावजूद अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। जबकि 2016 और 2019 में भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था। दोनों ही बार पाकिस्तान के कब्जे वाले पाकिस्तान में घुसकर उसे सबक सिखाया गया था। एक बार फिर राजनीति का रुख करते हैं।
चौकीदार चोर है का नारा
क्या आपको याद है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक नारा दिया था, चौकीदार चोर है। यह नारा सीधे-सीधे भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए गढ़ा गया था। दरअसल, मोदी खुद को देश का प्रधानसेवक और देश का चौकीदार कहते रहे हैं।
राफेल डील को मुद्दा बनाते हुए तब के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चौकीदार को चोर बताया था। यहां तक कि राफेल सौदे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा भी दायर किया गया था। हालांकि देश की शीर्ष अदालत में विरोधी दलों को सफलता नहीं मिल पाई थी।
उलटा भारतीय जनता पार्टी ने चौकीदार चोर कहने पर राहुल गांधी पर मुकदमा दर्ज करा दिया था। इसकी वजह से राहुल गांधी को माफी मांगनी पड़ी थी। हालांकि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद यह मामला भी विलुप्त हो गया था। अब सच्चाई यह है कि पांच राफेल लड़ाकू विमान अंबाला में भारत की सरजमीं को छुएंगे और हमारे शस्त्रागार का ताज बनेंगे।