रोहतक (एजेेंसी)। कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन की रिसर्च का पहला फेज रोहतक पीजीआईएमएस ने पूरा कर लिया है। चार नए वालंटियरों को वैक्सीजन की डोज देने के साथ इनकी संख्या अब 20 हो गई है। इन चार वालंटियरों में एक महिला व तीन पुरुष शामिल हैं। इन सभी वालंटियरों को डोज दिए जाने के दो सप्ताह बाद पूरी जांच होगी और देखा जाएगा कि इनके शरीर में एंटी बाडी की क्या स्थिति है। इन दो सप्ताह में ये सभी वालंटियर संस्थान के एक्सपर्ट डॉक्टर के संपर्क में रहेंगे।
प्रदेश के प्रमुख नोडल अधिकारी कोविड व रिसर्च के को- इन्वेस्टिगेटर डॉ. ध्रुव चौधरी ने बताया कि चार वालंटियरों को वैक्सीन की डोज देने के साथ पहले फेज में 20 वालंटियर का ट्रायल पूरा हो गया है। किसी वालंटियर में अभी तक किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं आया है और चारों बिल्कुल स्वस्थ हैं। वहीं रिसर्च की प्रिंसिपल इंवेस्टीगेटर डॉ. सविता वर्मा का कहना है कि वालंटियरों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। संस्थान की पूरी टीम इस कार्य में एकजुट होकर लगी है। इस प्रोजेक्ट में उनके को इन्वेस्टिगेटर डॉ. रमेश वर्मा भी हैं।
देश के 12 प्रमुख संस्थानों में चल रही कोरोना की डबल ब्लाइंड स्वदेशी वैक्सीन की रिसर्च पर संपूर्ण विश्व की निगाहें हैं। यह रिसर्च इसलिए डबल ब्लाइंड कही जाती है क्योंकि मरीज को दी जा रही वैक्सीन की डोज के बारे में ना तो डॉक्टर को पता होता है और ना ही मरीज को। डॉक्टर को ध्यान रखना होता है कि डोज लगने के बाद कोई रिएक्शन ना हो। वालंटियरों के सैंपल जांच के आधार पर लैब बताती है कि वैक्सीन कितनी कामयाब है।
पीजीआई रोहतक में पूरा हुआ कोवैक्सीन के मानव परीक्षण का पहला चरण, 20 को दी गई डोज




