नई दिल्ली। चीन से दुनियाभर में फैले कोरोना को खत्म करने की वैक्सीन अभी तक तैयार न होने का ही असर है कि कोरोना ज्यादा ताकतवर होता जा रहा है। दुनियाभर के न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक,कोरोना पहले से भी ज्यादा खतरनाक हो गया है। कोनोरा ने गले और फेफड़े के साथ दिमाग को भी जकड़ना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना मरीजों में एक वर्ग ऐसा भी है, जिसके दिमाग पर संक्रमण के गंभीर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। जानकार इस ब्रेन डिसफंक्शन का नाम दिया है। कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि इसका असर अब मरीज के बोलने की क्षमता पर भी पड़ने लगा है। कोरोना संक्रमितों के सिर पर सूजन आने के कारण उसमें सिरदर्द की शिकायत बढ़ रही है। इसके अलावा इन मरीजों में गंध सूंघने और अलग अलग तरह के स्वाद को पहचानने की क्षमता भी घट रही है।
डॉ.एलेसेंड्रो पेडोवानी ने बताया कि कोरोना मरीजों में पिछले कुछ दिनों से बदलाव दिख रहा है। ऐसा नहीं है कि यह बदलाव केवल इटली में ही देखने को मिले हैं यह दूसरे देशों के डॉक्टरों ने भी देखा है कि अब कोरोना के मरीजों में दिमाग में खून के थक्के जमना, सून्न हो जाना, दिमाग में सूजन आना, बोलने में दिक्कत, ब्रेन स्ट्रोक, दिमागी दौरे जैसे कई लक्षण देखने को मिल रहे हैं। कुछ मामलों में कोरोना का मरीज बुखार और सांस में तकलीफ जैसे लक्षण दिखने से पहले ही बेसुध हो जाता है। इटली में इसतरह के मरीजों के लिए अलग से न्यूरो-कोविड यूनिट शुरू की गई है। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ.शैरी चोउ के मुताबिक, फेफड़े डैमेज होने पर वेंटिलेटर से मरीज की मदद की जा सकती है लेकिन दिमाग के लिए अभी तक ऐसी कोई भी तकनीक विकसित नहीं की जा सकी है।