दुर्ग. गरीब, असहाय, विकलांगों, गौ माता की सेवा से बड़ा कोई भी कर्म नही है। भले ही आज के भौतिकवादी युग में ये बातें किताबी लगती हो, मगर आज भी समाज ऐसे लोग मौजूद है, जिन्होनें मानवता की सेवा को ही अपने जीवन का उद्देश्य बना रखा है। जन सर्मपण सेवा संस्था, दुर्ग गरीबों, असहाय, भूखों एवं विक्षिप्त लोगों को खाना खिलाने, उनकी हरसम्भव सहायता करने का कार्य व प्रयास विगत 3 वर्षो से प्रतिदिन भोजन एवं जरूरत की जरूरत की विभिन्न सामग्री निःशुल्क वितरण करके करती आ रही है। आज पूरे विश्व मे विश्वव्यापी माहमारी फैली है जिसमें पूरे देश में लोग अपने परिवार के साथ पूरा काम, व्यपार, रोजगार छोड़कर लॉकडाउन का पालन करते हुए अपने घरों में रह रहे है.
भूखे को भोजन प्यासे को पानी, सभी भारतीयों की यही है निशानी, एक ओर जहां कोरोना को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन यानि एक तरह का कफ्र्यू लगाकर लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी जा रही है। वहीं दूसरी ओर इस विपरीत परिस्थिति में मानव जाति की सेवा के लिए कुछ लोग घर से बाहर निकलकर गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों की सेवा कर रहे है. उनकी हर जरूरत की सामाग्री उपलब्ध करा रहे है, दुर्ग शहर में जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग के युवा पूरी सावधानी से बाहर निकल रहे हैं, और दूसरों को इस खतरे से आगह करते हुए जरूरतमंदों की मदद भी कर रहे हैं। जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग नाम पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया है। क्योकि यह वह संस्था है जो आज देश एवं प्रदेश में कोरोना वायरस के कारण आयी भूख प्यास की समस्या बस पर सहयोग नही कर रही है, बल्कि यह संस्था विगत 3 वर्षों से दुर्ग शहर में निवास कर रहे गरीब, असहाय, जरूरतमंदों की हर सहायता कर रही है, जिसमें संस्था द्वारा विगत 3 वर्षों से गरीब असहाय एवं जरूरतमंदों को प्रतिदिन रात्रि में निशुल्क भोजन देती आ रही है, एवं विकलांगों को बैसाखी, ट्रायसिकल, व्हीलचेयर, कम्बल, कपड़े एवं अन्य उपयोगी सामाग्री का वितरण संस्था 3 वर्षो से कर रही है.
संस्था के प्रमुख बंटी शर्मा ने बताया कि जन सर्मपण सेवा संस्था, दुर्ग गरीबों, असहाय, भूखों एवं विक्षिप्त लोगों को आज देश मे फैली महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बीच प्रतिदिन भोजन वितरण करने का कार्य कर रही है, जो रोज मजदूरी करके या भीख मांग कर अपने अपने बच्चों का पेट भरने की व्यवस्था करते है, वो लोगो के सामने आज पेट भरने के लिए भोजन की व्यवस्था करना बहुत बड़ी समस्या बन गयी है. ऐसे में जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग कोई भूखा न सोये इस उद्देश्य से प्रतिदिन दोपहर 12 बजे लगभग 220 गरीब, असहाय जनों को पका हुआ भोजन वितरण कर रही है एवं रात्रि में लगभग 180 लोगों को भोजन करा रही है साथ ही साथ पानी की बोतलें भी वितरण कर रही है.
बंटी शर्मा ने बताया कि जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग द्वारा दिनाँक 23 मार्च से दुर्ग शहर के सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक व्यक्ति संगठनों के सहयोग से सुबह शाम दो पाली में दुर्ग-भिलाई के गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों को प्रतिदिन भोजन वितरण किया जा रहा है.
जिसमें प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक लगभग 200 एवं शाम 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक लगभग 200 गरीब,असहाय एवं जरूरतमंदों को भोजन एवं पानी की बोतल का वितरण किया गया, क्योकि ये लोग बेघर है और इनके पास पकाने के बर्तन नही है, इसलिए इन्हें पका हुआ भोजन दोनों समय दिया जा रहा है, यह सेवा सभी के सहयोग से हो रही है जोकि प्रभु इच्छा तक होगी. संस्था द्वारा शासन के नियम अनुसार एवं सभी के स्वास्थ का ध्यान रखते हुए भोजन बनाने के स्थल को पूरा सेनेटाइजर से छिड़काव किया जाता है, भोजन बनाने वाले कारीगर एवं भोजन वितरण करने वाले संस्था के सभी सदस्य मुँह में मास्क, सर पर मेडिकल कैप, हाथ मे गुलोपस, एवं अन्य सभी उपयोगी सामाग्री लगाकर ही भोजन वितरण कर रहे है.
इसके साथ साथ संस्था द्वारा प्रतिदिन सुबह 8 बजे से 10 बजे तक शहर के विभिन्न स्थानों में घूम-घूमकर गौ माता को घास, हरि सब्जी, एवं रोटी और शहर में कुत्ते को बिस्किट एवं रोटी दी जा रही है, यह सभी सेवा कार्य शहर के सभी सामाजिक धार्मिक एवं राजनीतिक व्यक्तियों एवं संगठनों के सहयोग से किया जा रहा है. इस सेवा कार्य मे संस्था के सदस्य अलग अलग दो टीम बनाकर सुबह शाम भोजन वितरण कर रही है, जिसमें एक टीम पुराना बस स्टैंड, पटेल चौक, नया बस स्टैंड, राजेन्द्र पार्क चौक, मालवीय नगर में निवास कर रहे जरूरतमंदों को भोजन वितरण कर रही है एवं दूसरी टीम स्टेशन रोड़, पोलसाय पारा, दुर्ग रेल्वे स्टेशन, शहीद चौक, अग्रेसन चौक में भोजन वितरण कर रही है, भोजन सेवा में प्रतिदिन शिशु शुक्ला, आशीष कश्यप, संजय सेन, प्रकाश कश्यप, राजेन्द्र ताम्रकार, ईश्वर साहू, राकेश मिश्रा, दीपक धर्मगुढी, आकाश राजपूत, पूनम नागरे, शंकर राउत, एवं अन्य संस्था के सदस्य सेवा दे रहे है..