नई दिल्ली,वित्त मंत्रालय की तरफ से रुपे कार्ड और यूपीआई ट्रांजैक्शन को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसके तहत अब 1 जनवरी से इससे पेमेंट करने पर एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) चार्ज नहीं लगेगा। नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर किसी बिजनेस का सालाना टर्नओवर 50 करोड़ से ज्यादा है तो उसे पेमेंट के ये दो आॅप्शन जरूर रखने होंगे। अगर कंपनियां 31 जनवरी तक इस सुविधा की शुरूआत नहीं कर पाती हैं तो 1 फरवरी से रोजाना 5,000 रुपए जुमार्ना देना होगा।
क्या होता है एमडीआर चार्ज?
एक ग्राहक जब दुकानदार पीओएस टर्मिनल से अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करता है तो मर्चेंट को अपने सर्विस प्रोवाइडर को एक शुल्क का भुगतान करना पड़ता है, जिसे एमडीआर शुल्क कहते हैं। क्यूआर कोड आधारित आॅनलाइन लेनदेन पर भी इस शुल्क को देना पड़ता है।
तीन स्टेकहोल्डर्स में बंटता है एमडीआर शुल्क
हर ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट जो भुगतान करता है, वह तीन स्टेक होल्डर्स- लेनदेन की सुविधा देने वाले बैंक, पीओएस मशीन लगाने वाले वेंडर तथा वीजा या मास्टरकार्ड जैसे कार्ड नेटवर्क प्रोवाइडर्स के बीच बंटता है। क्रेडिट कार्ड पर एमडीआर शुल्क शून्य से लेकर ट्रांजैक्शन अमाउंट का 2% तक हो सकता है। इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने एकबार फिर से पैन-आधार लिंक करने की आखिरी तारीख बढ़ा दी है। पैन-आधार लिंक करने की आज आखिरी तारीख थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया गया है।