दमोह. नागरिकता कानून का समर्थन करने पर बसपा विधायक रमाबाई को पार्टी ने निलंबित कर दिया है। रमाबाई दमोह जिले के पथरिया सीट से बसपा विधायक हैं। मायावती ने कहा कि बसपा एक अनुशासित पार्टी है। इसका अनुशासन तोड़ने पर तुरन्त कार्रवाई की जाती है। उन्होंने रमाबाई के पार्टी के कार्यक्रमों में भी भाग लेने पर रोक लगा दी है।
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मायावती ने यह भी कहा कि बसपा ने सबसे पहले नागरिकता कानून को विभाजनकारी और असंवैधानिक बताकर इसका विरोध किया था। इस संबंध में राष्ट्रपति को ज्ञापन भी दिया था। फिर भी विधायक रमाबाई ने नागरिकता कानून का समर्थन किया। इससे पहले भी रमाबाई को कई बार पार्टी लाइन पर चलने की चेतावनी दी गई थी।
निलंबन की कार्रवाई के बाद विधायक रामबाई ने कहा, “उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि मेरी नस नस में पार्टी (बसपा) भरी है और अपनी अंतिम सांस तक में पार्टी के साथ रहूंगी। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मेरे बयान को पेश किया गया वह सही नहीं है। मैं आज भी पार्टी में हूं आगे भी पार्टी में ही रहूंगी। उन्होंने कहा कि मेरी बात बहन जी से चल रही है। बात होने के बाद मैं उन्हें मना लूंगी।”
रमाबाई ने नागरिकता कानून को लेकर पीएम का किया धन्यवाद
बसपा विधायक रमाबाई ने मीडिया से बातचीत के दौरान नागरिकता कानून लागू करने पर प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया था। उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून लागू करने का निर्णय तो बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम समाज के चंद लोग जो इस कानून का विरोध करते हुए हिंसा फैला रहे हैं उन्हें इसकी समझ नहीं हैं। बाकी समझदार मुस्लिम इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। कुछ नेता भी नागरिकता कानून को लेकर लोगों को भड़का रहे हैं। क्योंकि उन्हें अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने से ही मतलब होता है।
मुझे सिर्फ कमलनाथ जी से मतलब
यह मेरा व्यक्तिगत मत है। इसमें प्रदेश की कांग्रेस का क्या मत है। इससे मुझे कोई लेना देना नहीं। मुझे सिर्फ कमलनाथ जी से मतलब है बाकी कांग्रेस से नहीं। हां अगर कमलनाथ जी की व्यक्तिगत राय की बात की जाए तो शायद वह भी इस कानून का समर्थन करेंगे।कानून के विरोध के लिए कमलनाथ जी को कांग्रेस दबाव बनाकर के विरोध करने पर मजबूर कर रही है।
भाजपा पर भी मंत्री पद का लालच देने का आरोप लगाया था
इससे पहले भी रमाबाई अपने बयानों को लेकर चर्चा में रही हैं। इसी साल मई में रमाबाई ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि राज्य की कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए भाजपा के एक मंत्री ने फोन करके मंत्री पद और पैसे का लालच दिया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ लोगों को 50-60 करोड़ रु तक का ऑफर किया जा रहा है।