रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर के नेत्र रोग विभाग ने नेत्रदान पखवाड़ा 2025 के अवसर पर कई सार्थक कार्यक्रम आयोजित किए। इन आयोजनों का उद्देश्य समाज में नेत्रदान के महत्व को रेखांकित करना और नेत्रदाता परिवारों के अमूल्य योगदान को सम्मानित करना रहा।
पखवाड़े की शुरुआत विद्यार्थियों और कर्मचारियों के लिए नारा एवं पोस्टर प्रतियोगिता से हुई, जिसमें प्रतिभागियों ने रचनात्मक ढंग से नेत्रदान का प्रेरक संदेश दिया। इसी क्रम में एक विशेष रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से आमजन को कॉर्नियल अंधत्व से लड़ने के लिए नेत्रदान की आवश्यकता पर जागरूक किया गया।
एम्स रायपुर परिसर में आयोजित नेत्रदाता परिवार सम्मान समारोह कार्यक्रम का भावनात्मक केंद्र रहा। जिन परिवारों ने नेत्रदान का संकल्प लिया था या अपने प्रियजनों की आंखें दान की थीं, उन्हें सम्मानित किया गया। समारोह में उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने नेत्रदाता परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए प्रतीक-चिह्न भेंट किए। आत्मीय संवादों ने “दृष्टि का उपहार” देने की भावना को और गहराई से उजागर किया।

पखवाड़े का समापन रायपुर के मरीन ड्राइव, तेलीबांधा में विशाल जन-जागरूकता रैली से हुआ। एम्स रायपुर के संकाय सदस्य, रेज़िडेंट डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, विद्यार्थी और कर्मचारी बैनर और नारे लेकर इसमें शामिल हुए। इस रैली ने स्थानीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया और नेत्रदान का संदेश आमजन तक प्रभावशाली ढंग से पहुंचाया।
पूरे कार्यक्रम का संचालन चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेनू राजगुरु, आई बैंक की नोडल अधिकारी डॉ. विजया साहू और नेत्र रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. लुबना खान के मार्गदर्शन में किया गया। इन गतिविधियों ने न केवल नेत्रदान के जीवन बदल देने वाले महत्व को रेखांकित किया, बल्कि समाज सेवा, सामुदायिक जुड़ाव और जनस्वास्थ्य के प्रति एम्स रायपुर की प्रतिबद्धता को भी सशक्त रूप से सामने रखा।